"प्रेक्षण": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Lennuliiklust uurimas.jpg|right|thumb|300px|'''प्रेक्षक''' उस व्यक्ति को कहते हैं जो किसी प्रेक्षण की गयी [[दृग्विषय|परिघटना]] से सम्बन्धित जानकारी एकत्र करता है किन्तु उस परिघटना में हस्तक्षेप नहीं करता।हवाई आवागमन का प्रेक्षण करते हुए एक प्रेक्षक]]
किसी सजीव प्राणी (जैसे मानव) द्वारा अपने ज्ञानेन्द्रियों (senses) के द्वारा अथवा किसी अन्य कृत्रिम उपकरण (जैसे [[मल्टीमीटर|बहुमापी]]) द्वारा बाह्य जगत का ज्ञान प्राप्त करना '''प्रेक्षण''' (Observation) कहलाता है। प्रेक्षण की क्रिया में संकलित आंकड़ों को भी 'प्रेक्षण' कहते हैं। प्रेक्षण [[वैज्ञानिक विधि]] का प्रमुख अंग है।
 
सी.ए. मोजर ने अपनी पुस्तक ‘सर्वे मैथड्स इन सोशल इनवेस्टीगेशन’ में स्पष्ट किया है कि अवलोकन में कानों तथा वाणी की अपेक्षा नेत्रों के प्रयोग की स्वतन्त्रता पर बल दिया जाता है। अर्थात्, यह किसी घटना को उसके वास्तविक रूप में देखने पर बल देता है। श्रीमती पी.वी.यंग ने अपनी कृति ‘‘सांइटिफिक सोशल सर्वेज एण्ड रिसर्च’’ में कहा है कि ‘‘अवलोकन को नेत्रों द्वारा सामूहिक व्यवहार एवं जटिल सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ सम्पूर्णता की रचना करने वाली पृथक इकायों के अध्ययन की विचारपूर्ण पद्धति के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।’’<ref>[https://www.scotbuzz.org/2017/04/avlokan-ka-arth.html अवलोकन का अर्थ, प्रकार एवं विशेषताएं]</ref> अन्यत्र श्रीमती यंग लिखती है कि ‘‘अवलोकन स्वत: विकसित घटनाओं का उनके घटित होने के समय ही अपने नेत्रों द्वारा व्यवस्थित तथा जानबूझ कर किया गया अध्ययन है।’’ इन परिभाषाओं में निम्न बातों पर बल दिया गया है-