"श्रम का विभाजन": अवतरणों में अंतर

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जब किसी बड़े कार्य को छोटे-छोटे तर्कसंगत टुकड़ों में बाँटककर हर भाग को करने के लिये अलग-अलग लोग निर्धारित किये जाते हैं तो इसे '''श्रम विभाजन''' (Division of labour) या [[विशिष्टीकरण]] (specialization) कहते हैं। श्रम विभाजन बड़े कार्य को दक्षता पूर्वक करने में सहायक होता है। ऐतिहासिक रूप से श्रम-विभाजन व्यापार की वृद्धि, सम्पूर्ण आउटपुट की वृद्धि, [[पूंजीवाद]] का उदय तथा [[औद्योगीकरण]] की जटिलता में वृद्धि से जुड़ा रहा है। परिष्कृत होकर धीरे-धीरे श्रम-विभाजन [[वैज्ञानिक प्रबन्धन]] के स्तर तक जा पहुँचा। मोटे तौर पर यह कार्यकारी-समाज है जिसके अलग-अलग भाग भिन्न-भिन्न काम करते हैं। जैसे- कुछ लोग कृषि करते हैं; कुछ लोग कुम्भकारी करते हैं और कुछ लोग [[लोहारीलोहार]] करते हैं। [[भारत]] की [[हिन्दू वर्ण व्यवस्था|वर्णाश्रम]] व्यवस्था मूलत: श्रम-विभाजन का ही रूप है।
 
== श्रम विभाजन के लाभ ==