"बृहत्संहिता": अवतरणों में अंतर

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'''बृहत्संहिता''' [[वराह मिहिर|वाराहमिहिर]] द्वारा ६ठी शताब्दी संस्कृत में रचित एक [[विश्वज्ञानकोश|विश्वकोश]] है जिसमें मानव रुचि के विविध विषयों पर लिखा गया है। इसमें [[खगोल शास्त्र|खगोलशास्त्र]], [[ग्रह|ग्रहों]] की [[गति (भौतिकी)|गति]], [[ग्रहण]], [[वर्षा]], [[बादल]], [[वास्तु शास्त्र|वास्तुशास्त्र]], फसलों की वृद्धि, इत्रनिर्माण, लग्न, पारिवारिक संबन्ध, [[रत्न]], [[मोती]] एवं कर्मकांडों का वर्णन है।
 
वृहत्संहिता में १०६ अध्याय हैं। यह अपने महान संकलन के लिये प्रसिद्ध है।