"अलेक्ज़ेंडर बर्न्स": अवतरणों में अंतर

No edit summary
fix lint error
पंक्ति 1:
{{स्रोतहीन|date=जून 2015}}
[[चित्र:Sir Alexander Burnes.jpg|thumb|righright|200px|बुख़ारा के परिधान में सर बर्न्स]]
'''अलेक्ज़ेंडर बर्न्स''' (Sir Alexander Burnes) या ''सिकंदर बर्न्स'' ([[16 मई]] 1805-[[2 नवंबर]] 1841) एक ब्रिटिश यात्रावृत्त लेखक तथा जासूस थे जिनकी 1831-32 के बीच की [[पंजाब]], [[पेशावर]], [[काबुल]] होते हुए [[बुख़ारा]] की यात्रा से उन्हें ख्याति मिली थी। उनकी लिखी किताबों को उस समय ब्रिटेन में बहुत प्रसिद्धि मिली थी जिसके बाद उन्हें ''सर'' की उपाधि भी दी गई थी। इससे अंग्रेज़ों को मध्य एशिया में हो रही गतिविधियों के अलावा वहाँ की भौगोलिक जानकारी भी मिली थी। इसके बाद ब्रिटिश सेना ने [[प्रथम आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध|अफ़गानिस्तान पर चढ़ाई]] की थी और इसी दौरान सन् 1841 के नवंबर में काबुल में उनका क़त्ल कर दिया गया था। इससे पहले [[विलियम मूरक्रॉफ़्ट]] और उनके साथ गए नौजवान ने बुखारा की यात्रा की थी जो घोड़ो के पालन के तथाकथित विश्व प्रसिद्ध स्थान बुख़ारा की परंपरा देखना चाहते थे। दोनों बुख़ारा तो पहुँच गए थे पर वापस लौटते वक़्त बाल्ख़ के मज़ार-ए-शरीफ़ में बामारी वजह से मारे गए थे।