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'''नेपालभाषा''', [[नेपाली (बहुविकल्पी)| नेपाली भाषा]] से अलग है। इसी तरह [[नेपाली भाषा|खस भाषा]] भी नेपाल भाषा से भिन्न है। इनमें भ्रमित न हों।
 
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[[Image:Nepal Scripts.jpg|thumb|350px|नेपाल भाषा के लिपि]]
'''नेपाल भाषा''' ('नेवा' अथवा 'नेपाल भाय्') [[नेपाल]] की एक प्रमुख [[भाषा]] है। इसे प्रायः 'नेवार' या 'नेवारी' भी कहा जाता है। यह भाषा १४वीं शताब्दी से लेकर १८वीं शताब्दी के अन्त तक [[नेपाल]] की प्रशासनिक भाषा थी। आजकल [[नेपाल]] की जो [[राजभाषा]] है वह [[नेपाली (बहुविकल्पी)|नेपाली]] है, न कि नेपालभाषा।
 
नेपालभाषा, [[चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार]] के अन्तर्गत [[तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार|तिब्बती-बर्मेली समूह]] मे संयोजित है। यह [[रंजना लिपि]], प्रचलित लिपि और [[देवनागरी]] लिपि मे भी लिखी जाने वाली एक मात्र चीनी-तिब्बती भाषा है। यह भाषा दक्षिण एशिया की सबसे प्राचीन इतिहास वाली तिब्बती-बर्मेली भाषा है और तिब्बती बर्मेली भाषा में चौथी सबसे प्राचीन काल से उपयोग में लाई जाने वाली भाषा।
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== विकास क्रम ==
[[चित्र:Buddha dharma magazine cover 1929.jpg|right|thumb|300px|"बुद्ध धर्म व नेपाल भाषा" नामक पत्रिका का मुखपृष्ठ (1929)]]
नेपाल भाषा नेपाल मण्डल[[काठमांडू उपत्यका ]] की मूल भाषा है। इस भाषा का उत्पत्ति-स्थान काठमांडू ही है। काठमांडू मे [[किरांत]] शासन के समय मे इस भाषा पर [[किरांती भाषा]] का प्रभाव पडा। [[तिब्बत]] के साथ शताव्दियों के व्यापारिक सम्बन्धों के कारण इस भाषा मे [[तिब्बती भाषा]] का भी उल्लेख्य प्रभाव दिखता है। [[लिच्छवि|लिच्छवी]] काल और [[मल्ल]] काल मे [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] तथा [[शाहकाल]] मे [[खस]] भाषा का प्रभाव भी इस भाषा मे दिखने लगा।
 
तिब्बती-बर्मेली भाषा परिवार की भाषा होने के बावजूद वर्षो तक [[भारोपेली]] भाषा के सम्बन्ध ने नेपाल भाषा का स्वरूप विशेष रूप से [[नामपद]] थोडा भारोपेली जैसा बना दिया है।