"राजनीति विज्ञान": अवतरणों में अंतर
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राजनीति विज्ञान का महत्व इस तथ्य से प्रकट होता है कि आज राजनीतिक प्रक्रिया का अध्ययन राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय-दोनों प्रकार की राजनीति को समझने के लिये आवश्यक है। प्रक्रिया के अध्ययन से ही वास्तविक राजनीति एवं उनके भीतर अवस्थित तथ्यों का ज्ञान संभव है।
राजनीति विज्ञान की जटिलता उनके अतिव्यापी रूप व उनसे उत्पन्न स्वरूप एवं प्रकृति से जुड़ी हुई है। आज राजनीति विज्ञान ’राजनीतिक’ व गैर राजनीतिक दोनों प्रकार के तत्वों से सम्बंधित है। राजनीतिक तत्व प्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक प्रक्रिया को संचालित करते है और इस दृष्टि से राजनीति विज्ञान के अन्तर्गत राज्य सरकार,
यूनानी विचारकों के समय से लेकर आधुनिक काल तक के विभिन्न चिन्तकों, सिद्धान्तवेत्ताओं और विश्लेषकों के योगदानों से राजनीति विज्ञान के रूप, अध्ययन सामग्री एवं उसकी परम्पराएॅ समय-समय पर परिवर्तित होती रही हैं। तद्नुरूप इस विषय का निरन्तर विकास होता रहा हैं। इस विकासक्रम में राजनीति विज्ञान के अध्ययन के सम्बन्ध में दो प्रमुख दृष्टिकोणों का उदय हुआ है : परम्परागत दृष्टिकोण एवं आधुनिक दृष्टिकोण। पारम्परिक या परम्परागत दृष्टिकोण [[राज्य]]-प्रधानता का परिचय देता है जबकि आधुनिक दृष्टिकोण [[प्रक्रिया]]-प्रधानता का।
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