"परिसंचरण तंत्र": अवतरणों में अंतर

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बहिमतिका ग्रीवा के पार्श्व में होती हुई ऊपर कपोलिक ग्रंथि में पहुँचकर, अंत:दंतिका (internal maxillary) पौर उत्तल शंखास्थि (superficial temporal) शाखाओं में समाप्त हो जाती है, जो मुख की पेशियों तथा वहाँ के अन्य अवयवों एवं कपाल के पृष्ठ पर फैल जाती हैं। उसकी अन्य शाखाएँ ये हैं :
 
#'''ऊर्ध्वअवटुकी''' (Superthyroid) - अवटुका और स्वरयंत्र को;
#'''जिह्विकी''' (Lingual) - जिह्वा और जिह्वाधर ग्रंथि को;
#'''मौखिकी''' (Facial) - आनन को तथा अधोहन्वी ग्रंथि, टॉन्सिल आदि को;
#'''पश्चादिका''' (occipital) - उर: करर्णमूलिका पेशी और कपाल के पश्च भाग को;
#'''पश्चकर्णिका''' - कर्ण के पश्चिम पृष्ठ और पास के कपाल पृष्ठ को तथा
#अंत:'''अंतः हन्विकी''' (Internal maxillary) - चर्वण पेशियों, दाँत, नाक, ग्रसनी (pharynx), कर्णपटह और मस्तिष्क के कठिन आवरण को। सातवीं और आठवीं अंतिम शाखाएँ हैं, जिनका उल्लेख किया जा चुका है।
 
=== अधोजत्रुक ===