"समाज": अवतरणों में अंतर

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विभिन्न विद्वानों ने समाज की भिन्न-भिन्न परिभाषा की है-
 
''''ग्रीन''' ने समाज की अवधारणा की जो व्याख्या की है उसके अनुसार समाज एक बहुत बड़ा समूह है जिसका को भी व्यक्ति सदस्य हो सकता है। समाज जनसंख्या, संगठन, समय,स्थान और स्वार्थों से बना होता है।
 
'''एडम स्मिथ'''- ''मनुष्य ने पारस्परिक लाभ के निमित्त जो कृत्रिम उपाय किया है वह समाज है।
 
'''डॉ0 जेम्स'''- ''मनुष्य के शान्तिपूर्ण सम्बन्धों की अवस्था का नाम समाज है।
 
'''प्रो0 गिडिंग्स'''- ''समाज स्वयं एक संघ है, यह एक संगठन है और व्यवहारों का योग है, जिसमें सहयोग देने वाले व्यक्ति एक-दूसरे से सम्बंधित है।
 
'''प्रो0 मैकाइवर'''- ''समाज का अर्थ मानव द्वारा स्थापित ऐसे सम्बंधों से है, जिन्हें स्थापित करने के लिये उसे विवश होना पड़ता है।
 
संक्षेप में यह कहा जा सकता है, समाज एक उद्देश्यपूर्ण समूह हेाता है, जो किसी एक क्षेत्र में बनता है, उसके सदस्य एकत्व एवं अपनत्व में बंधे हेाते हैं।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/समाज" से प्राप्त