"श्यामसुन्दर सेन": अवतरणों में अंतर

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'''श्यामसुन्दर सेन''' () एक पत्रकार थे जिन्होने सन १८५४ में [[कोलकाता]] से 'सुधावर्षण' नामक दैनिक पत्र निकाला। यह [[हिन्दी]] और [[बांग्ला]] में छपने वाला द्विभाषी पत्र था। पहले हिन्दी छपती थी, फिर बांग्ला।<ref>[https://books.google.co.in/books?id=5OGy0lhxaqIC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false Hindī patrakāritāBy Kr̥shṇabihārī Miśra (पेज ४१३)]</ref><ref>[https://books.google.co.in/books?id=ZNvUmKRxt9UC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false Headlines From the Heartland: Reinventing the Hindi Public Sphere (page 37)] (By Sevanti Ninan)</ref>
 
'समाचार सुधा वर्षण’ ने समय समय पर अंग्रेजों की नीतियों का प्रतिरोध किया। १८५७ में जब [[भारतीय स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम|पहला स्वतंत्रता संग्राम]] शुरू हुआ तो ‘समाचार सुधावर्षण’ ने [[बहादुरशाह जफर]] के उस सन्देश को खासी प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसमें उन्होंने देश के हिन्दुओं और मुसलमानों से अपील की थी कि वे अपनी सबसे बड़ी नेमत आजादी के अपहर्ता अंग्रेजों को बलपूर्वक देश से बाहर निकालने का पवित्र कर्तव्य निभाने के लिए कुछ भी उठा न रखें।