"कोटला का किला ( फिरोजाबाद )": अवतरणों में अंतर

छो 157.37.140.207 (Talk) के संपादनों को हटाकर Nilesh shukla के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
→‎top: {{अनेक समस्याएँ}} → {{Multiple issues}} एवं सामान्य सफाई
पंक्ति 1:
{{Multiple issues|
{{अनेक समस्याएँ|एकाकी=फ़रवरी 2018|बन्द सिरा=फ़रवरी 2018|भाग=फ़रवरी 2018|विकिफ़ाइ=फ़रवरी 2018|स्रोतहीन=फ़रवरी 2018}}
{{एकाकी|date=फ़रवरी 2018}}
{{बन्द सिरा|date=फ़रवरी 2018}}
{{भाग|date=फ़रवरी 2018}}
{{विकिफ़ाइ|date=फ़रवरी 2018}}
{{स्रोतहीन|date=फ़रवरी 2018}}
}}
कोटला का किला पांच सौ वर्ष पुराने इस किले को कुंवर उमराय सिंह ने सहेजा था। यह एक ऐतिहासिक किला है जो फिरोजाबाद जिले के इतिहास को गौरवान्वित करता है कोटला रियासत के राजा कुंवर उमराय सिंह ने बड़े पुत्र कुशलपाल सिंह को कोटला रियासत का राजा बनाया।किले को सुरक्षित रखने को कई मजबूत बुर्जियां बनवाई गईं। जिन पर तोपों को रखा जाता था। पूजा अर्चना को सीताराम लक्ष्मीनारायण व रामश्याम मंदिर की स्थापना की थी। राजा कुशलपाल ने 30 वर्ष की आयु में अन्न को त्याग दिया था। कुशल प्रशासक के कारण जिला बोर्ड आगरा के वह चेयरमैन भी रहे थे। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान राजा कुशलपाल को 1933 में शिक्षा मंत्री बनाया गया। राजा कुशलपाल के बेटे गजेंद्र की मृत्यु हो गई थी। उसके नाम से गजेंद्र नाट्य रामलीला समिति का गठन किया गया। यह समिति आज भी कायम है। कोटला का प्राचीन किला देख-रेख के अभाव में बदहाल होता जा रहा है। तोपों के रखने की बुर्जियां ढह गई हैं। किला का भवन खंडहर में तब्दील हो गया। आज किले की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। किले के अधिकांश भवन गिरासू हालत में पहुंच गए। 1884 के गजेटियर के अनुसार कोटला का किला जिसकी खाई 20 फ़ीट चोडी, 14 फुट गहरी, 40 फुट ऊँची दर्शाई गई है भूमि की परधि 284 फ़ीट उत्तर 220 फ़ीट दक्षिण तथा 320 फ़ीट पूर्व तथा 480 फ़ीट पछिम में थी वर्तमान में ये किला नस्ट हो गया है किन्तु अब भी उसके अभिषेश देखने को मिलते है। इस किले मे जो मन्दिर है उस मन्दिर मे राम-लक्ष्मन-सीता हनुमान शिव पार्वति की मूर्ति है जिनकी कीमत करोडो रुपये है जो अष्टधातू से निर्मित है