"पीके (फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर
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एक दिन जग्गू के मन को पीके पढ़ता है तो उसे सरफराज के बारे में पता चलता है। वह जग्गू को बताता है कि यह भी हो सकता है कि वह पत्र किसी और के लिए हो। उसमें किसी का भी नाम नहीं लिखा था। और जिस बच्चे ने उसे वह पत्र दिया वह भी उसे नहीं पहचानता है। जग्गू जब सरफराज से संपर्क करती है तो उसे सच्चाई का पता चलता है। इसके बाद पीके को अपना रिमोट मिल जाता है और वह अपने गृह लौट जाता है।
== कलाकार ==
* [[आमिर ख़ान]] - पीके (परग्रही)
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