"परजीविता": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1:
[[चित्र:Male human head louse.jpg|right|thumb|300px|मानव के सिर (बालों) में रहने वाला '''[[जूँ]]''' , एक परजीवी है।]]
 
[[चित्र:Eastern Phoebe-nest-Brown-headed-Cowbird-egg.jpg|300px|right|thumb|दूसरे के घोसले में अण्डे देना भी एक परजीविता है। इसे 'अण्ड परजीविता' (brood parasitism) कहते हैं। यह परजीविता चिड़ियों में व्याप्त है।]]
 
वे जीव जो किसी अन्य जीव पर आश्रित (भोजन तथा आवास) होते हैं, '''परजीवी''' जन्तु (parasite) कहलाते हैं जैसे: [[जोंक]], [[एन्टअमीबा|एंटअमीबा]], [[फीता कृमि|फीताकृमि]] आदि। परजीविता प्रकृति में पाए जानेवाले स्वाभाविक सहवास (habitual association) में से एक है, जिसके द्वारा एक जीव दूसरे के साथ अतिथि और परपोषी (host) का संबंध स्थापित करके उसके शरीर से भोजन प्राप्त करता है। अन्य सहवासों में [[सहभोजिता]] (commensalism) और [[सहजीवन]] (symbiosis) उल्लेखनीय है। सहभोजिता में अतिथि अपने परपोषी के शरीर की केवल सुरक्षार्थ, या एक भोज्य स्थान से दूसरे तक पहुँचने के लिये, शरण मात्र लेता है। उसके शरीर को क्षति नहीं पहुँचाता। उदाहरणार्थ, [[मोलस्का]] (Mollusca) समूह के जंतुओं के कवचों (shells) पर बहुधा अन्य जन्तु रहने लगते हैं। सहजीवन में अतिथि और [[परपोषी]] दोनों एक दूसरे से कुछ न कुछ लाभ प्राप्त करते हैं, उदाहरणार्थ आंतरगुही (coelenterata) समूह के [[हाइड्रा]] (hydra) नामक जंतु की कोशिकाओं में सूक्ष्म जूओक्लोरेला (Zoochlorella) नामक हरे [[शैवाल]] (algae) रहते हैं। परपोषी हाइड्रा शैवालों को सुरक्षा और भोजन प्रदान करता है, जिसके प्रतिदान में शैवाल उसके लिये [[ऑक्सीजन]] गैस उत्पन्न करते हैं। दोनों का सम्बन्ध इतना घनिष्ठ हैं कि वे एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते।