"अशोक के अभिलेख": अवतरणों में अंतर
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शाहनाज गढ़ी एवं मानसेहरा ([[पाकिस्तान]]) के अभिलेख [[खरोष्ठी लिपि]] में उत्कीर्ण हैं। [[तक्षशिला]] एवं [[लघमान]] ([[काबुल]]) के समीप अफगानिस्तान अभिलेख आरमाइक एवं ग्रीक में उत्कीर्ण हैं। इसके अतिरिक्त अशोक के समस्त शिलालेख, लघुशिला स्तम्भ लेख एवं लघु लेख [[ब्राह्मी लिपि]] में उत्कीर्ण हैं। अशोक का इतिहास भी हमें इन अभिलेखों से प्राप्त होता है।
अभी तक अशोक के ४० अभिलेख प्राप्त हो चुके हैं। सर्वप्रथम १८३७ ई. पू. में [[जेम्स प्रिंसेप]] नामक विद्वान ने अशोक के अभिलेख को पढ़ने में सफलता हासिल की
==अभिलेखों में वर्णित विषय==
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