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श्रीराम का जीवनकाल एवं पराक्रम महर्षि [[वाल्मीकि]] द्वारा रचित [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] महाकाव्य [[रामायण]] के रूप में वर्णित हुआ है। रामायण में [[सीता]] के खोज में [[श्रीलंका]] जाने के लिए 48 किलोमीटर लम्बे 3 किलोमीटर चोड़े पत्थर के सेतु का निर्माण करने का उल्लेख प्राप्त होता है, जिसको [[रामसेतु]] कहते हैं । वह आज भी स्थित है, जिसकी कार्बन डेंटिंग में कुछ लोगों के अनुसार 175000वर्ष तथा कुछ लोगो के अनुसार 7000वर्ष तथा कुछ के अनुसार 5000 वर्ष पूर्व का अनुमान लगाया गया है।
 
प्रभु राम का जन्म द्वापरयुग में हुआ था परशुराम जो कि राम के समकालीन थे उनके बारे में बताया जाता है कि वे चारों युगों में जीवित थे परशुराम कलियुग में भी थे सतयुग में भी थे और द्वापरयुग में भी थे अधिकतर विद्वान इस जानकारी से भ्रमित होकर अनुमान लगाते है कि जो व्यक्ति सतयुग कलियुग में जीवित था का मतलब सतयुग से कलियुग तक यानि चारों युग लगाते है।
महायुग वाला कलियुग 6986ईस्वी पूर्व शुरू हुआ था और इससे पूर्व 6986 ईस्वी पूर्व से15986ईस्वी पूर्व तक द्वापरयुग था। 9986ईस्वी पूर्व से लेकर 5186ईस्वी पूर्व तक चतुर्युगी सतयुग था। यानि 7100ईस्वी पूर्व द्वापरयुग और सतयुग दो युग थे जिस अवधि में प्रभु राम का जन्म हुआ और 6900ईस्वी में तीन युग थे जिस अवधि तक भगवान राम कै समकालीन परशुराम जीवित थे
 
काल गणना के अनुसार श्रीरामचन्द्र जी का प्रकाट्य त्रेतायुग में हुआ था इसलिये द्वापर युग की आयु था कलयुग के 5100 वर्ष के योग के पहले ही श्रीरामचन्द्र जी का प्रकाट्य हुआ था अतः द्वापर की आयु 864000 वर्ष तथा 5100 वर्ष कलयुग लगभग 869100 वर्ष पहले त्रेतायुग था अतः श्रीरामसेतु का निर्माण 869100 वर्ष पहले ही हुआ था।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/राम" से प्राप्त