"लोक वित्त": अवतरणों में अंतर

छो 103.216.140.94 (वार्ता) के 1 संपादन वापस करके Kumar GNके अंतिम अवतरण को स्थापित किया (ट्विंकल)
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
Kumar GN (वार्ता) द्वारा किए बदलाव 4739333 को पूर्ववत किया
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
पंक्ति 7:
==सार्वजनिक वित्त के क्षेत्र==
 
*1.# '''[[सार्वजनिक राजस्व]]''' : सार्वजनिक वित्त के विषय क्षेत्र में हम धन को एकत्रित करने तथा विविध गतिविधियों में इसके वितरण का अध्ययन करते हैं। सार्वजनिक राजस्व का सम्बन्ध आय प्राप्ति के साधनों कराधान के सिद्धान्तों तथा उनकी समस्याओं से है। अन्य शब्दों में, करों से प्राप्त होने वाली सब प्रकार की आय तथा सार्वजनिक जमा से होने वाली प्राप्तियों को सार्वजनिक राजस्व में सम्मिलित किया जाता है।
*2.# '''[[सार्वजनिक व्यय]]''' : इस भाग में हम सार्वजनिक व्यय से संबंधित सिद्धान्तों व समस्याओं का अध्ययन करते हैं। इसमें हम विभिन्न आधारों पर सार्वजनिक व्यय के वर्गीकरण का भी अध्ययन करते हैं। इसमें हम सरकार द्वारा सार्वजनिक व्यय पर अपनाई गई नीतियों का आलोचनात्मक सर्वेक्षण करते हैं तथासुधार हेतु उपाय सुझाते हैं।
 
*3.# '''[[राजकीय ऋण|सार्वजनिक ऋण]]''' : सार्वजनिक वित्त के इस अनुभाग में हम ऋण करने की समस्या का अध्ययन करते हैं। हम देखते हैं कि ऋण किस कारण लिया जा रहा है? ऋण का स्रोत क्या है? उसे एकत्रित करने का क्या तरीका है? उस पर क्या ब्याज है? तथा उसका भुगतान करने का क्या ढंग है? इसलिए यह ऋण एकत्रित करने तथा उसके भुगतान करने की समस्या से संबंधित है।
*2. '''[[सार्वजनिक व्यय]]''' : इस भाग में हम सार्वजनिक व्यय से संबंधित सिद्धान्तों व समस्याओं का अध्ययन करते हैं। इसमें हम विभिन्न आधारों पर सार्वजनिक व्यय के वर्गीकरण का भी अध्ययन करते हैं। इसमें हम सरकार द्वारा सार्वजनिक व्यय पर अपनाई गई नीतियों का आलोचनात्मक सर्वेक्षण करते हैं तथासुधार हेतु उपाय सुझाते हैं।
*4.# '''[[वित्त प्रशासन|वित्तीय प्रशासन]]''' : वित्तीय या राजस्व प्रशासन के अंतर्गत हम उस सरकार से संबंधित होते हैं जो राज्य के विविध कार्यों के लिए उत्तरदायी होते हैं। वित्तीय प्रशासन से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय यही है कि बजट कैसे लागू किया जाए? इसके अतिरिक्त बजट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया बजट प्रस्तुत करना, पास करना, लागू करना तथा उसका मूल्यांकन करना इत्यादि विषय शामिल है।
 
*5.# '''आर्थिक स्थिति''' : इसमें सरकार द्वारा देश में आर्थिक स्थिरता लाए जाने के लिए किए गए उपाय तथा अन्य उपायों व विभिन्न आर्थिक नीतियों का वर्णन किया जाता है।
*3. '''[[राजकीय ऋण|सार्वजनिक ऋण]]''' : सार्वजनिक वित्त के इस अनुभाग में हम ऋण करने की समस्या का अध्ययन करते हैं। हम देखते हैं कि ऋण किस कारण लिया जा रहा है? ऋण का स्रोत क्या है? उसे एकत्रित करने का क्या तरीका है? उस पर क्या ब्याज है? तथा उसका भुगतान करने का क्या ढंग है? इसलिए यह ऋण एकत्रित करने तथा उसके भुगतान करने की समस्या से संबंधित है।
 
*4. '''[[वित्त प्रशासन|वित्तीय प्रशासन]]''' : वित्तीय या राजस्व प्रशासन के अंतर्गत हम उस सरकार से संबंधित होते हैं जो राज्य के विविध कार्यों के लिए उत्तरदायी होते हैं। वित्तीय प्रशासन से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय यही है कि बजट कैसे लागू किया जाए? इसके अतिरिक्त बजट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया बजट प्रस्तुत करना, पास करना, लागू करना तथा उसका मूल्यांकन करना इत्यादि विषय शामिल है।
 
*5. '''आर्थिक स्थिति''' : इसमें सरकार द्वारा देश में आर्थिक स्थिरता लाए जाने के लिए किए गए उपाय तथा अन्य उपायों व विभिन्न आर्थिक नीतियों का वर्णन किया जाता है।
 
== सार्वजनिक वित्त की प्रकृति==
Line 32 ⟶ 28:
इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि सार्वजनिक वित्त विज्ञान और कला दोनों ही है। यह एक वास्तविक विज्ञान भी है तथा आदर्शात्मक विज्ञान भी है।
 
==''' सार्वजनिक वित्त का महत्व'''==
सार्वजनिक वित्त, विकसित एवं विकासशील देशों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार अनेक गतिविधियां संपन्न करती है, इसलिए वर्तमान समय में, सार्वजनिक वित्त ने बहुत महत्व अर्जित कर लिया है ....
 
किसी भी सरकार के लिए सार्वजनिक वित्त बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। सरकार के सभी आर्थिक क्रियाकलाप सार्वजनिक वित्त के इर्द-गिर्द ही घूमते हैं। एक कल्याणकारी राज्य (वेलफेयर स्टेट) के रूप में देश की सरकारों को अपने विकास कार्यक्रम लागू करने होते हैं और इन सब कार्यों के लिए आर्थिक संसाधन महत्वपूर्ण होते हैं। सार्वजनिक वित्त में एक तरफ संसाधनों के सृजन के उपाय होते है, तो वहीं दूसरी तरफ कार्यक्रमों को लागू करने के लिए संसाधनों के आवंटन को लेकर एक विस्तृत ब्यौरा होता है। इसलिए यह सभी राष्ट्रों के लिए एक महत्वपूर्ण नीति के तौर पर होता है।
 
==सार्वजनिक व्यय==