"कर्णप्रयाग": अवतरणों में अंतर
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'''कर्णप्रयाग''' [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] के अन्तर्गत [[गढ़वाल मण्डल]] के [[चमोली जिला|चमोली]] जिले का एक कस्बा है।यह [[अलकनन्दा नदी|अलकनंदा]] तथा [[पिण्डारी हिमनद|पिण्डर]] नदियों के संगम पर स्थित है। पिण्डर का एक नाम कर्ण गंगा भी है, जिसके कारण ही इस तीर्थ संगम का नाम कर्ण प्रयाग पडा। यहां पर उमा मंदिर और कर्ण मंदिर दर्शनीय है। यहाँ से [[राष्ट्रीय राजमार्ग ७ (भारत)|राष्ट्रीय राजमार्ग ७]] और [[राष्ट्रीय राजमार्ग १०९ (भारत)|राष्ट्रीय राजमार्ग १०९]] गुज़रते हैं।<ref>{{Cite web |url=http://morth.nic.in/writereaddata/sublink2images/NH_StartEnding_Station8634854396.htm |title=Start and end points of National Highways |access-date=23 April 2009 |archive-url=https://web.archive.org/web/20080922011802/http://morth.nic.in/writereaddata/sublink2images/NH_StartEnding_Station8634854396.htm |archive-date=22 सितंबर 2008 |url-status=live }}</ref><ref>"[https://www.google.com/books/edition/Uttarakhand/qsNMI1Hi174C Uttarakhand: Land and People]," Sharad Singh Negi, MD Publications, 1995</ref><ref>"[https://www.google.com/books/edition/Development_of_Uttarakhand/paRD3jrNfOoC Development of Uttarakhand: Issues and Perspectives]," GS Mehta, APH Publishing, 1999, ISBN 9788176480994</ref>▼
▲'''कर्णप्रयाग''' [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] के अन्तर्गत [[गढ़वाल मण्डल]] के [[चमोली जिला|चमोली]] जिले का एक कस्बा है।यह [[अलकनन्दा नदी|अलकनंदा]] तथा [[पिण्डारी हिमनद|पिण्डर]] नदियों के संगम पर स्थित है। पिण्डर का एक नाम कर्ण गंगा भी है, जिसके कारण ही इस तीर्थ संगम का नाम कर्ण प्रयाग पडा। यहां पर उमा मंदिर और कर्ण मंदिर दर्शनीय है।
== इतिहास ==
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{{main|कर्णप्रयाग का इतिहास}}
अलकनंदा एवं पिंडर नदी के संगम पर बसा कर्णप्रयाग धार्मिक पंच प्रयागों में तीसरा है जो मूलरूप से एक महत्त्वपूर्ण तार्थ हुआ करता था। बद्रीनाथ मंदिर जाते हुए साधुओं, मुनियों, ऋषियों एवं पैदल तीर्थयात्रियों को इस शहर से गुजरना पड़ता था। यह एक उन्नतिशील बाजार भी था और देश के अन्य भागों से आकर लोग यहां बस गये क्योंकि यहां व्यापार के अवसर उपलब्ध थे। इन गतिविधियों पर वर्ष 1803 की बिरेही बाढ़ के कारण रोक लग गयी क्योंकि शहर प्रवाह में बह गया। उस समय प्राचीन उमा देवी मंदिर का भी नुकसान हुआ। फिर सामान्यता बहाल हुई, शहर का पुनर्निर्माण हुआ तथा यात्रा एवं व्यापारिक गतिविधियां पुन: आरंभ हो गयी।
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जीतू बगड़वाल या एक स्थानीय नायक या नायिका पर आधारित गीत तथा नंदा देवी की प्रशंसा के गीत भी सामान्य हैं, विशेषकर नंद राज जाट के समय। गीत एवं नृत्य का साथ ढ़ोल एवं दामों निभाते हैं जिसे दास कहे जाने वाले एक विशेष जाति के लोग बजाते हैं।
=== बोल-चाल की भाषा ===
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== निकटवर्ती आकर्षण ==
कर्णप्रयाग के आस-पास घुमने पर आप कुछ प्राचीन स्थलों पर पहुंचेगें जो गढ़वाल की गौरवशाली विरासत के भाग है और बीते काल के निपुण कारीगरों के उत्तम कौशल को प्रदर्शित करते हैं। यहां से आप नौटी भी जा सकते है, जहां से हर 12 वर्ष बाद नंद राज जाट की ऐतिहासिक यात्रा आरंभ होती है। इस यात्रा का आयोजन पिछले 1500 वर्षों से चल रहा है।
=== चाँदपुर गढ़ी ===
{{main|चाँदपुर गड़ी}}
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{{main|नंज राज जाट}}
कर्णप्रयाग नंदा देवी की पौराणिक कथा से भी जुड़ा हैं; नौटी गांव जहां से नंद राज जाट यात्रा आरंभ होती है इसके समीप है। गढ़वाल के राजपरिवारों के राजगुरू नौटियालों का मूल घर नौटी का छोटा गांव कठिन नंद राज जाट यात्रा के लिये प्रसिद्ध है, जो 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है तथा कुंभ मेला की तरह महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। यह यात्रा नंदा देवी को समर्पित है जो गढ़वाल एवं कुमाऊं की ईष्ट देवी हैं। नंदा देवी को पार्वती का अन्य रूप माना जाता है, जिसका उत्तरांचल के लोगों के हृदय में एक विशिष्ट स्थान है जो अनुपम भक्ति तथा स्नेह की प्रेरणा देता है। नंदाष्टमी के दिन देवी को अपने ससुराल – हिमालय में भगवान शिव के घर – ले जाने के लिये राज जाट आयोजित की जाती है तथा क्षेत्र के अनेकों नंदा देवी मंदिरों में विशेष पूजा होती है। नंद राज जाट कनक पाल (जिसने 9वीं शताब्दी में पंवार वंश की स्थापना की) के समय से पहले चली आ रही है। कुछ लोगों के मतानुसार राज जाट एक प्राचीन तीर्थयात्रा है जो शासक शाहीपाल के समय से ही होती है। स्थानीय लोकगीतों के अनुसार शाहीपाल की राजधानी चांदपुर गढ़ी में थी। उसने यहां एक तांत्रिक यंत्र गड़वाकर अपनी संरक्षिका नंदा देवी की स्थापना नौटी में की। यह भी संभव है कि प्राचीन काल में जो गढ़पती इस क्षेत्र में राज्य करते थे वह सब नंदा देवी के नाम पर यात्राएं निकालते थे। पंवार वंश के 37वें वंशज अजय पाल ने जब इन गढ़पतियों को परास्त किया तो उसने इन सब यात्राओं के एक बड़ी यात्रा के रूप में परिवर्तित कर दिया।
== आवागमन ==
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== इन्हें भी देखें ==
* [[पंच प्रयाग]]
* [[चमोली ज़िला]]
== बाहरी
* [https://web.archive.org/web/20080312062311/http://210.212.78.56/50cities/karanprayag/hindi/home.asp कर्णप्रयाग पोर्टल]
* [https://web.archive.org/web/20080312062306/http://210.212.78.56/50cities/karanprayag/hindi/bi_image_gallery.asp चित्र दीर्घा]
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* [https://web.archive.org/web/20090427223735/http://gov.ua.nic.in/ उत्तराखण्ड सरकार का आधिकारिक जालपृष्ठ] {{अंग्रेज़ी चिह्न}}
* [https://web.archive.org/web/20101021084948/http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/st_ut01.htm उत्तराखण्ड] (उत्तराखण्ड के बारे में विस्तृत एवं प्रामाणिक जानकारी)
== सन्दर्भ ==
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{{उत्तराखण्ड}}
{{गंगा}}
[[श्रेणी:उत्तराखंड के तीर्थ]]
[[श्रेणी:गंगा नदी]]
[[श्रेणी:हिन्दू तीर्थ स्थल]]
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[[श्रेणी:उत्तराखण्ड के पर्यटन स्थल]]
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