"सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८": अवतरणों में अंतर
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===सम्मन===
धारा 27 आदेश 5 के अन्तर्गत प्रतिवादी को [[सम्मन]] किए जाते हैं। सम्मन, न्यायिक प्रक्रिया की महत्वपूर्ण कड़ी है। जब न्यायालय किसी मामले को सुनने के लिए आश्वस्त हो जाता है तो वह मामले में बनाए गए प्रतिवादियो को सम्मन जारी करता है। धारा 27 में सम्मन का उल्लेख किया गया है। आदेश 5 में इस सम्मन की तामील के संबंध में उल्लेख किया गया है। मामले के संस्थित होने के बाद सबसे पहली कार्यवाही सम्मन की होती है, जिस न्यायालय में मामला संस्थित किया जाता है। उस न्यायालय द्वारा सर्वप्रथम सम्मन निकाला जाता है। यह सम्मन सब प्रतिभागियों को होता है।
===उपस्थिति व अनुपस्थिति के प्रभाव (आदेश 19)===
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