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अंग्रेज
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'''अंग्रेज'''
'''अनुमान''', [[दर्शनशास्त्र|दर्शन]] और [[तर्कशास्त्र]] का पारिभाषिक शब्द है। [[भारतीय दर्शन]] में ज्ञानप्राप्ति के साधनों का नाम '''[[प्रमाण]]''' है। अनुमान भी एक प्रमाण है। [[चार्वाक दर्शन|चार्वाक]] दर्शन को छोड़कर प्रायः सभी दर्शन अनुमान को ज्ञानप्राप्ति का एक साधन मानते हैं। अनुमान के द्वारा जो ज्ञान प्राप्त होता हैं उसका नाम ''अनुमिति'' है।
 
 
'''अनुमान''', [[दर्शनशास्त्र|दर्शन]] और [[तर्कशास्त्र]] का पारिभाषिक शब्द है। [[भारतीय दर्शन]] में ज्ञानप्राप्ति के साधनों का नाम '''[[प्रमाण]]''' है। अनुमान भी एक प्रमाण है। [[चार्वाक दर्शन|चार्वाक]] दर्शन को छोड़कर प्रायः सभी दर्शन अनुमान को ज्ञानप्राप्ति का एक साधन मानते हैं। अनुमान के द्वारा जो ज्ञान प्राप्त होता हैं उसका नाम ''अनुमिति'' है।
 
'न्यायदर्शन' पद में न्याय शब्द का अर्थ है अनुमान। ''न निर्णीते अर्थे न्यायः प्रवर्तते अपितु सन्दिग्धे'' - इस पंक्ति से इस पद के 'अनुमान' अर्थ होने का ही बोध होता है। न्यायशास्त्र में इसके द्वारा स्वीकृत प्रमाणादि सोलह पदार्थों में से प्रथम पदार्थ [[प्रमाण]] का ही विस्तृत विवेचन हुआ है। प्रमाणों में भी अनुमान प्रमाण का विवेचन बहुत विस्तार से हुआ है। अनुमान प्रमाण के विस्तृत विवेचन के कारण ही न्यायदर्शन भारतीय तर्कशास्त्र का आधार माना जाता है।