"चौरी चौरा कांड": अवतरणों में अंतर
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* स्थानीय लोग उन १९ लोगों को नहीं भूले जिन्हें मुकदमे के बाद फाँसी दे दी गयी थी। १९७१ में उन्होने 'शहीद स्मारक समिति' का निर्माण किया। १९७३ में समिति ने झील के पास १२.२ मीटर ऊँची एक त्रिकोणीय मिनार निर्मित की जिसके तीनों फलकों पर गले में फाँसी का फन्दा चित्रित किया गया।
* बाद में सरकार ने उन शहीदों की याद में एक स्मारक बनवाया। इस स्मारक पर उन लोगों के नाम खुदे हुए हैं जिन्हें फाँसी दी गयी
* क्रांतिकारियों के याद में [[कानपुर]] से [[गोरखपुर]] के मध्य में '[[चौरी चौरा एक्स्प्रेस 5004|चौरी-चौरा एक्सप्रेस]]' नामक एक रेलगाड़ी चलाई गई।
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