"पोषण": अवतरणों में अंतर

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अल्पाहार से पोषण का स्तर उपयुक्त नहीं रहता। इस अवस्था को "न्यून पोषण" (under-nutrition) कहते हैं। इस प्रकार के "[[कुपोषण]]" (malnutrition) की अवस्था में एक या अनेक पोषक तत्व प्रतिदिन भोजन में रहते ही नहीं। इसलिये शरीर में कुपोषण के चिह्न दिखाई पड़ते हैं। "न्यून पोषण" वाले व्यक्ति दुर्बल और कम वजन वाले होते हैं, किंतु उनके शरीर में कोई विकृति का चिह्न दिखाई नहीं पड़ता है।
 
== पोषक तत्व ==
== [https://jksguru.com/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A4%A3-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%A4%E0%A5%87-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82/ पोषक तत्व] ==
शरीर के पोषण के लिये दो तत्वों की नितांत आवश्यकता (essential) है। ईधन तत्व और दूसरा शारीरिक बनावट के पदार्थ उत्पादक, तंतुवर्धक और ह्रास पूरक तत्व। शरीर में शक्ति उत्पन्न करने के लिये ईंधन तत्व की आवश्यकता होती है। कार्बोहाइड्रेट, वसा ओर प्रोटीन के कुछ भाग ईंधन तत्व हैं। ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ ये सभी ईंधन ऊष्मा भी पैदा करते हैं। ऊष्मा और ऊर्जा पोषण के चिह्न हैं। जीवधारियों का शरीररूपी यंत्र के अवयव सामान्य यंत्रों की भाँति घिसते हैं, पर साथ-साथ इनकी मरम्मत भी होती रहती है, यदि मरम्मत करने की सामग्री खाद्य में विद्यमान हो। जिन तत्वों से शरीर के अवयव 18 से 20 वर्ष की आयु तक बनते हैं, उन्हीं तत्वों के शरीर के ह्रास की पूर्ति होती है और साथ-साथ शरीर की वृद्धि भी होती है। यह काम विशेषत: प्रोटीनों के द्वारा होता है।
 
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=== विभिन्न विटामिनों की कमी से उत्पन्न विकृतियाँ===
 
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'''क्रसं -- विटामिन -- रासायनिक नाम -- पूर्ण कमी से विकृति'''
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'''! क्रसं --!! विटामिन --!! रासायनिक नाम --!! पूर्ण कमी से विकृति'''
1 -- ए -- कैरोटिन ''(Carotin)'' -- रतौंधी, आँख की सफेदी पर झुर्री (Xerophţĥalmia)
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| 1 --||--|| कैरोटिन ''(Carotin)'' --|| रतौंधी, आँख की सफेदी पर झुर्री (Xerophţĥalmia)
2 -- बी1 -- थायामिन या आन्युरिन -- [[बेरीबेरी]] (Beri-beri)
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| 2 --|| बी1 --|| थायामिन या आन्युरिन --|| [[बेरीबेरी]] (Beri-beri)
3 -- बी2 -- राइबोफ्लैविन (Riboflavin) -- आँख लाल रहना, होठ पर झुर्री, मुँह आना, जीभ फूल जाना, चमड़े की विकृति
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| 3 --|| बी2 --|| राइबोफ्लैविन (Riboflavin) --|| आँख लाल रहना, होठ पर झुर्री, मुँह आना, जीभ फूल जाना, चमड़े की विकृति
4 -- बी -- पेलाग्रा-रक्षक (Pellagra preventing) -- पेलाग्रा होना (विशेष चर्म-रोग)
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| 4 --|| बी --|| पेलाग्रा-रक्षक (Pellagra preventing) --|| पेलाग्रा होना (विशेष चर्म-रोग)
5 -- बी6 -- पाइरिडॉक्सिन (Pyridoxin) -- [[उल्टी|वमन]], मस्तिष्क रोग तथा दस्त आना
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| 5 --|| बी6 --|| पाइरिडॉक्सिन (Pyridoxin) --|| [[उल्टी|वमन]], मस्तिष्क रोग तथा दस्त आना
6 -- बी12—स्यानोकोबैलै ऐमाइन (Cyanocobalamin) -- विशेष रक्तहीनता और संग्रहणी
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| 6 --|| बी12 बी12—स्यानोकोबैलै||स्यानोकोबैलै ऐमाइन (Cyanocobalamin) --|| विशेष रक्तहीनता और संग्रहणी
7 -- फोलिक अम्ल (Folic acid) -- विशेष ''र''क्तहीनता
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| 7 --|| || फोलिक अम्ल (Folic acid) --|| विशेष ''र''क्तहीनतारक्तहीनता
8 -- सी -- ऐसकौर्बिक अम्ल -- [[स्कर्वी]] (scurvy)
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| 8 --|| सी --|| ऐसकौर्बिक अम्ल --|| [[स्कर्वी]] (scurvy)
9 -- डी -- कैल्सिफेरोल (Calciferol) -- सुखंडी, रिकेट (Rickets)
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| 9 --|| डी --|| कैल्सिफेरोल (Calciferol) --|| सुखंडी, रिकेट (Rickets)
10—इ -- टोकोफेरोल (Tocopherol) -- पुरुषत्व और स्त्रीत्व में कमी
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10—इ| --10 || इ || टोकोफेरोल (Tocopherol) --|| पुरुषत्व और स्त्रीत्व में कमी
11—पी -- रुटीन (Rutin) -- कोशिकाओं से रक्तपात
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11—पी| --11 || पी || रुटीन (Rutin) --|| कोशिकाओं से रक्तपात
12—के -- ऐंफेंटामिन (Amphentamin) -- रक्त में जमने की शक्ति का ह्रास
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12—के| --12 || के || ऐंफेंटामिन (Amphentamin) --|| रक्त में जमने की शक्ति का ह्रास
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भारत के अतीत काल में जनता के पोषण का नक्शा बड़ा ही उत्साहजनक है। दूध, दही और मक्खन की कमी नहीं थी। जंगलों में शिकार होता था। खेती की उपज भी जनसमूह के हिसाब से अच्छी थी। सभी को आहार समाग्री उचित मात्रा में मिलती थी और पोषण भी उत्तम था। जनसंख्या की वृद्धि और आहार सामग्रियों की कमी से पोषण में गड़बड़ी हो गई।
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://web.archive.org/web/20081113050405/http://www.prativad.com/articles/Foods-and-Malnutrition.htm पोषण - जीवन का सेहत भरा तरीका]
 
[[श्रेणी:प्राणी विज्ञान]]
[[श्रेणी:पोषण]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पोषण" से प्राप्त