"नवाचार का विसरण": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Diffusion of ideas.svg|350px|thumb|right|रोजर्स के मतानुसार नवाचार के विसरण का ग्राफ।]]
'''नवाचार का विसरण''' (Diffusion of innovations) एक सिद्धान्त है जो इस बात की व्याख्या करने का प्रयत्न करता है कि नये विचारों तथा नयी [[प्रौद्योगिकी]] का प्रसार कैसे, क्यों और किस गति से होता है?
 
एवरेट रोजर्स (Everett Rogers) ने इस सिद्धान्त को 'डिफ्यूजन ऑफ इन्नोवेशन्स' नामक अपनी पुस्तक के द्वारा प्रसारित किया। यह पुस्तक सबसे पहले १९६२ में प्रकाशित हुई और २००३ में इसका पाँचवाँ संस्करण निकला।
 
एवरेट रोजर्स का मानना ​​है कि नवाचार को लोगों द्वारा अपनाया जाना पांच मुख्य चरणों पर निर्भर करता है:
 
*(१) '''जागरूकता''' (awareness)
 
*(२) '''रुचि''' (interest): एक बार जब नई चीजें ज्ञात हो जाती हैं, तो रुचि पैदा होती है।
 
*(३) '''मूल्यांकन''' (evaluation) : व्यक्ति यह मापेंगे कि क्या नई चीजें उनकी जरूरतों को पूरा करती हैं। इसे "आंतरिक परीक्षण" कहा जाता है।
 
*(४) '''कार्यान्वयन एवं परीक्षण''' (trial): इस स्तर पर, नई चीजों को केवल छोटे पैमाने पर अपनाया जा सकता है।
 
*(५) '''स्वीकरण''' (adoption): यह निर्णय करना व्यक्ति के ऊपर है कि नई चीज को अपनाया जाना है या नहीं।
 
==इन्हें भी देखें==