"पंडित भगवद्दत्त": अवतरणों में अंतर

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भगवद्दत्त जी एक पंजाबी व्यापारी की तरह ढीला पाजामा, कमीज, सफेद पगड़ी, कानों में स्वर्ण कुंडल आदि पहनते थे; पर जब वे संस्कृत में तर्कपूर्ण ढंग से धाराप्रवाह बोलना आरम्भ करते थे, तो सब उनकी विद्वत्ता का लोहा मान जाते थे। 22 नवम्बर, 1968 को दिल्ली में ही उनका देहान्त हुआ।<ref>[https://www.vskgujarat.com/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%AD%E0%A4%97%E0%A4%B5/ वेदों के ज्ञाता, इतिहासज्ञ '''पंडित भगवद्दत्त''']</ref>
 
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
[[श्रेणी:संस्कृत विद्वान]]
 
==कृतियाँ==