"पंडित भगवद्दत्त": अवतरणों में अंतर

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'''पण्डित भगवद्दत्त''' (27 अक्तूबर, 1893 - 22 नवम्बर, 1968)<ref name="Vidyalankar Vedālaṅkāra १९८२ p. ">{{cite book | last=Vidyalankar | first=S. | last2=Vedālaṅkāra | first2=H. | title=Āryasamāja kā itihāsa | publisher=Ārya Svādhyāya Kendra | series=Āryasamāja kā itihāsa | issue=v. 5 | year= १९८२ | url=http://books.google.co.in/books?id=ZLkcAAAAMAAJ | language=हिंदी | accessdate=०२ अप्रैल २०२० | page=}}</ref> [[भारत]] के एक [[संस्कृत]] विद्वान, लेखक तथा [[स्त्री शिक्षा|स्त्री-शिक्षा]] के समर्थक थे।
 
अध्ययन, अनुसन्धान और लेखन के साथ ही वे [[आर्य समाज]] में सक्रिय रहते थे। आर्य समाज के उच्च संस्था ‘परोपकारिणी सभा’ के वे निर्वाचित सदस्य थे। वे उसकी ‘विद्वत् समिति’ के भी सदस्य थे। उनकी ख्याति एक श्रेष्ठ विद्वान व वक्ता की थी। आर्य समाज के कार्यक्रमों में वे देश भर में प्रवास भी करते थे। इसी कारण वे 'पंडित भगवद्दत्त' के नाम से प्रसिद्ध हुए।