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अमृत/जीव मुहूर्त और [[ब्रह्ममुहूर्त|ब्रह्म मुहूर्त]] बहुत श्रेष्ठ होते हैं ; ब्रह्म मुहूर्त [[सूर्योदय]] से पच्चीस नाड़ियां पूर्व, यानि लगभग दो घंटे पूर्व होता है। यह समय [[योग]] साधना और ध्यान लगाने के लिये सर्वोत्तम कहा गया है।
 
मुहूर्त, ज्तोतिष के छः अंगों (जातक, गोल, निमित्त, प्रश्न, मुहूर्त, गणित) में से एक अंग है।
 
: '' जातकगोलनिमित्तप्रश्नमुहूर्त्ताख्यगणितनामानि ।
: '' अभिदधतीहषडङ्गानि आचार्या ज्योतिषे महाशास्त्रे ॥ ('''प्रश्नमार्गः''')
 
शुभ कार्य करने के लिए वांछित समय के गुण-दोष का विचिन्तन मुहूर्त के अन्तर्गत प्रतिपादित है।
 
: '' सुखदुःखकरं कर्म शुभाशुभमुहूर्त्तजं ।
: '' जन्मान्तरेऽपि तत् कुर्यात् फलं तस्यान्वयोऽपि वा ॥
 
वार, नक्षत्र, तिथि, करण, नित्ययोग, ग्रह, राशि -- ये मुहूर्त्त-निर्णय के लिए आवश्यक हैं।
 
 
'''मुहूर्तों के नाम'''