"काठगोदाम": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
|||
पंक्ति 26:
काठगोदाम को ऐतिहासिक तौर पर कुमाऊँ का द्वार कहा जाता रहा है। यह नगर पहाड़ के पाद प्रदेश में बसा है। [[गौला नदी]] इसके दायें से होकर [[हल्द्वानी]] नगर की ओर बढ़ती है। [[पूर्वोत्तर रेलवे (भारत)|पूर्वोतर रेलवे]] का यह अन्तिम रेलवे टर्मिनल यहां है। यहाँ से [[बरेली]], [[लखनऊ]], [[ दिल्ली]]‚ [[हावड़ा]] ‚[[जैसलमेर]]‚ [[जम्मू]] ‚[[कानपुर]] [[देहरादून]] तथा [[आगरा]] आदि शहरों के लिए छोटी एवं बड़ी लाइन की रेल चलती है। काठगोदाम से [[नैनीताल]], [[अल्मोड़ा]], [[रानीखेत]] और [[पिथौरागढ़]] आदि पर्वतीय नगरो के लिए [[कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड|के॰एम॰ओ॰यू॰]] एवं उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें जाती है। कुमाऊँ के सभी अंचलों के लिए यहाँ से बसें जाती हैं।
१९०१ में काठगोदाम ३७५ की जनसंख्या वाला एक छोटा सा गाँव था।<ref>[http://dsal.uchicago.edu/reference/gazetteer/pager.html?objectid=DS405.1.I34_V15_170.gif Kathgodam],
== काठगोदाम रेलवे स्टेशन ==
|