"काठगोदाम": अवतरणों में अंतर

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काठगोदाम को ऐतिहासिक तौर पर कुमाऊँ का द्वार कहा जाता रहा है। यह नगर पहाड़ के पाद प्रदेश में बसा है। [[गौला नदी]] इसके दायें से होकर [[हल्द्वानी]] नगर की ओर बढ़ती है। [[पूर्वोत्तर रेलवे (भारत)|पूर्वोतर रेलवे]] का यह अन्तिम रेलवे टर्मिनल यहां है। यहाँ से [[बरेली]], [[लखनऊ]], [[ दिल्ली]]‚ [[हावड़ा]] ‚[[जैसलमेर]]‚ [[जम्मू]] ‚[[कानपुर]] [[देहरादून]] तथा [[आगरा]] आदि शहरों के लिए छोटी एवं बड़ी लाइन की रेल चलती है। काठगोदाम से [[नैनीताल]], [[अल्मोड़ा]], [[रानीखेत]] और [[पिथौरागढ़]] आदि पर्वतीय नगरो के लिए [[कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड|के॰एम॰ओ॰यू॰]] एवं उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें जाती है। कुमाऊँ के सभी अंचलों के लिए यहाँ से बसें जाती हैं।
 
१९०१ में काठगोदाम ३७५ की जनसंख्या वाला एक छोटा सा गाँव था।<ref>[http://dsal.uchicago.edu/reference/gazetteer/pager.html?objectid=DS405.1.I34_V15_170.gif Kathgodam], {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20160303222810/http://dsal.uchicago.edu/reference/gazetteer/pager.html?objectid=DS405.1.I34_V15_170.gif |date=3 मार्च 2016 }} [[The Imperial Gazetteer of India]], 1909, v. 15, p. 164.</ref> १९०९ तक इसे [[रानीबाग]] के साथ जोड़कर नोटिफ़ाइड एरिया घोषित कर दिया गया। काठगोदाम-रानीबाग़ १९४२ तक स्वतंत्र नगर के रूप में उपस्थित रहा, जिसके बाद इसे हल्द्वानी नोटिफ़ाइड एरिया के साथ जोड़कर नगर पालिका परिषद् हल्द्वानी-काठगोदाम का गठन किया गया। २१ मई २०११ को हल्द्वानी-काठगोदाम को नगर पालिका परिषद से नगर निगम घोषित किया गया, और फिर इसके विस्तार को देखते हुए इसका नाम बदलकर [[हल्द्वानी नगर निगम|नगर निगम हल्द्वानी]] कर दिया गया।
 
== काठगोदाम रेलवे स्टेशन ==