"एन. गोपालस्‍वामी अयंगर": अवतरणों में अंतर

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'''नरसिंह अयंगर गोपालस्वामी अयंगर''' (31 मार्च 1882 &ndash; 10 फरवरी 1953), [[भारतीय संविधान सभा|संविधान सभा]] की निर्मात्री समिति के सदस्य, [[राज्य सभा]] के नेता, भारत की पहली मन्त्रिपरिषद में कैबिनेट मन्त्री थे।<ref>{{cite web |url=http://zeenews.india.com/news/exclusive/forgotten-fathers-of-the-constitution_598978.html |title=Archived copy |accessdate=2012-05-26 |url-status=dead |archiveurl=https://web.archive.org/web/20120529125047/http://zeenews.india.com/news/exclusive/forgotten-fathers-of-the-constitution_598978.html |archivedate=2012-05-29 |df= }}</ref> सन १९३७ से १९४३ तक वे जम्मू कश्मीर के प्रधानमन्त्री थे। स्वतन्त्र भारत में पहले जब वे बिना विभाग के मन्त्री थे तब वे [[कश्मीर]] से सम्बन्धित मामले देखा करते थे। ये आयंगर ही थे जिन्होंने [[अनुच्छेद 370३७०]] के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने का काम किया था।<ref>{{cite web|url=https://www.bbc.com/hindi/india-49293272|title=गोपालस्वामी आयंगर: वो जिसने अनुच्छेद 370३७० के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिलाया|access-date=13 अगस्त 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190813104156/https://www.bbc.com/hindi/india-49293272|archive-date=13 अगस्त 2019|url-status=live}}</ref>
 
==जीवन परिचय==
गोपालस्वामी आयंगर का जन्म दक्षिण भारत में मद्रास (अब [[तमिलनाडु]]) के [[तंजावुर जिला|तंजावुर जिले]] में 31 मार्च 1882 को हुआ था। उन्होंने वेस्टले स्कूल तथा प्रेसिडेंसी कॉलेज और मद्रास लॉ कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। उनकी पत्नी का नाम कोमलम था। उनके बेटे [[जी पार्थसारथी]] एक वरिष्ठ [[पत्रकार]] हैं, जिन्होंने [[संयुक्त राष्ट्र]] में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
 
1904 में, थोड़े समय के लिए, उन्होंने चेन्नई के पचयप्पा कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के रूप में भी काम किया। 1905 में मद्रास सिविल सेवा में भर्ती हुए। सन् 1919 तक वे डिप्टी कलेक्टर रहे । 1920 से जिला कलेक्टर के रूप में काम किया। 1932 में उन्हें लोक सेवा विभाग के सचिव के पद पर पदोन्नति मिली। 1937 में वे राजस्व बोर्ड के सदस्य बने।