"राजाराज चोल १": अवतरणों में अंतर

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{{स्रोतहीन|date=फ़रवरी 2021}}
{{Infobox Chola | name= प्रथम राजराज चोल I ; मुम्मदी चोलन
| tamil = ராஜ ராஜ சோழன்
| map = [[चित्र:rajaraja territories.png|200px]]
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'''प्रथम राजाराज चोल''' दक्षिण भारत के चोल साम्राज्य के महान [[चोल राजवंश|चोल]] के महान सम्राट थे जिन्होंने ९८५ से १०१४ तक राज किया। उनके शासन में चोलों ने दक्षिण में [[श्रीलंका]] तथा उत्तर में कलिंग तक साम्राज्य फैलाया। राजराज चोल ने कई नौसैन्य अभियान भी चलाये, जिसके फलस्वरूप मालाबार तट, मालदीव तथा श्रीलंका को आधिपत्य में लिया गया।
 
राजराज चोल ने हिंदुओं के विशालतम मंदिरों में से एक, तंजौर के [[बृहदेश्वर मन्दिर|बृहदीश्वर मन्दिर]] का निर्माण कराया।कराया जो वर्तमान समय में [[यूनेस्को विश्व धरोहर सूची]] में सम्मिलित है। उन्होंने सन 1000 में भू-सर्वेक्षण की भीषण परियोजना शुरू कराई जिससे देश को वलनाडु इकाइयों में पुनर्संगठित करने में मदद मिली।
 
राजराज चोल ने "शशिपादशेखर" की उपाधि धारण की थी। राजराज प्रथम ने [[मालदीव]] पर भी विजय प्राप्त की थी।
चोल वंश का दूसरा महान शासक कोतूतुङ त्रितीय था
 
नौवीचोलों शदीका मैउदय च्होलऔनौवी काशदी उदयमें हुआ। इनका राज्य तुन्ग्भद्रा[[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] तक फैला हुआ था। च्होलचोल राजाओ ने शक्तिशली नौसैना का विकास किया। इस वंश की स्थापना विजयालय ने की। राजराज चोल नेवंश शशिपादशेखरका कीदूसरा उपाधिमहान धारणशासक कीकोतूतुङ थी।त्रितीय था।
राजराज प्रथम ने मालदीव पर भी विजय प्राप्त की थी राजराज प्रथम द्वारा निर्मित कराया गया बृहदेश्वर मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है
 
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