"वैद्यनाथ मन्दिर, देवघर": अवतरणों में अंतर
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| name = वैद्यनाथ मन्दिर, देवघर
| image =Baba_Dham.jpg
| caption = बैद्यनाथ शिव मंदिर और पार्वती माता का मंदिर
| country = [[भारत]]
| state = [[झारखंड|झारखण्ड]]
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• [[रावण ]]द्वारा स्थापित ज्योतिर्लिंग|associate=द्वादश ज्योतिर्लिंग|festivals=[[महाशिवरात्रि]]|mantra=ॐ नमः शिवाय|caption=ऊपर से नीचे की ओर चित्र: (1). भगवान वैद्यनाथ महादेव के ज्योतिर्लिंग की पूजा करते पुजारी, (2). प्राचीन बैद्यनाथ मंदिर जिसे आक्रमणकारियों ने विध्वंश कर दिया था (3). बाबा वैद्यनाथ धाम की वर्तमान मनमोहक कायाकल्प का दृश्य}}
'''वैद्यनाथ मन्दिर
देवघर में [[शिव]] का अत्यन्त पवित्र और भव्य मन्दिर स्थित है। हर वर्ष [[सावन]] के महीने में स्रावण मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु "बोल-बम!" "बोल-बम!" का जयकारा लगाते हुए बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं। ये सभी श्रद्धालु [[सुल्तानगंज]] से पवित्र [[गंगा]] का जल लेकर लगभग सौ किलोमीटर की अत्यन्त कठिन पैदल यात्रा कर बाबा को जल चढाते हैं।
== स्थापना व कथा ==
इस लिंग की स्थापना का [[इतिहास]] यह है कि एक बार राक्षसराज [[रावण]] ने हिमालय पर जाकर शिवजी की प्रसन्नता के लिये घोर [[तपस्या]] की और अपने सिर काट-काटकर शिवलिंग पर चढ़ाने शुरू कर दिये। एक-एक करके नौ सिर चढ़ाने के बाद दसवाँ सिर भी काटने को ही था कि शिवजी प्रसन्न होकर प्रकट हो गये। उन्होंने उसके दसों सिर ज्यों-के-त्यों कर दिये और उससे वरदान माँगने को कहा। रावण ने [[लंका]] में जाकर उस लिंग को स्थापित करने के लिये उसे ले जाने की आज्ञा माँगी। शिवजी ने अनुमति तो दे दी, पर इस चेतावनी के साथ दी कि यदि मार्ग में इसे [[पृथ्वी]] पर रख देगा तो वह वहीं अचल हो जाएगा। अन्ततोगत्वा वही हुआ। रावण शिवलिंग लेकर चला पर मार्ग में एक चिताभूमि आने पर उसे लघुशंका निवृत्ति की आवश्यकता हुई। रावण उस लिंग को एक
==सरदार पंडा की सूची==
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