"शून्यतः सृष्‍टि": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:WLANL_-_MicheleLovesArt_-_Joods_Historisch_Museum_-_Levensboom_glas_in_lood_-_Eli_Content_(Midden).jpg|अंगूठाकार| 'जूड्स हिस्टोरिस्क म्यूजियम' में एली कंटेंट द्वारा निर्मित 'जीवन का वृक्ष']]
'''शून्यतः सृष्‍टि''' ( अर्थात 'शून्य से सृजित सृष्टि' ; [[लातिन भाषा|लातिन]] "Creatio ex nihilo" ) वह सिद्धान्त है जिसके अनुसार [[पदार्थ]] शाश्वत नहीं है, बल्कि किसी देव या भगवान द्वारा निर्मित है। <ref>{{Harvnb|Bunnin|Yu|2008}}</ref> यह इस प्रश्न का [[आस्तिकता|आस्तिक]] उत्तर है कि [[ब्रह्माण्ड]] कैसे अस्तित्व में आया। यह "शून्य से शून्य ही उत्पन्न होता है" ''(लातीन : Ex nihilo nihil fit)'' के सिद्धान्त के विपरीत है जो यह मानता है कि सभी वस्तुएँ पहले से अस्तिवमान वस्तुओं से ही बनीं हैं।
 
==सन्दर्भ==
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*[[र्ष्टि रचना]]
*[[सृजन मिथक]]
*[[सत्कार्यवाद]]
*[[असत्कार्यवाद]]
 
[[श्रेणी:लैटिन विधिक पद]]