"माधव कंदलि": अवतरणों में अंतर
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'''माधव कंदलि''' ([[असमिया]] : মাধৱ কন্দলী) [[असमी]] के प्रसिद्ध [[कवि]] थे। इनके
[[चित्र:WatPhraKeaw Ramayana Chariot.JPG|center|550px]]
वाराहराज श्री महामणिक्य के अनुरोध पर माधव कंदलि ने सर्वसाधारण के लिये सुबोध शैली में [[रामायण]] का पयारबद्ध अनुवाद किया (''रामायण सुपयार श्रीमहामणिक्य ये वाराह राजार अनुरोधे'')। माधव कंदलि के रामायण की सभी प्रतियों में आदिकाण्ड तथा उत्तरकाण्ड नहीं मिलते, यद्यपि उन्होंने लंकाकाड के अन्त में रामायण के सात काण्डों का उल्लेख किया है ( ''सात कांडे रामायण पद बंधे निबंधिलो '')। कंदलि ने [[वाल्मीकि]] कृत [[रामायण]] को वेदों के समकक्ष रखा है। मूल कथा को अधिक रोचक बनाने के लिये यत्रतत्र
== संदर्भ ग्रंथ ==
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