"सत्कार्यवाद": अवतरणों में अंतर

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==सिद्धान्त==
''सत्कार्यवाद'', मुख्यतः सांख्य का सिद्धान्त है जिसके अनुसार कार्य (प्रभाव), अपनी उत्पत्ति के पूर्णपूर्व कारण में विद्यमान (सत्) रहता है। इसके अनुसार सत्
(जिसका अस्तित्व है वह) असत् (जिसका अस्तित्व नहीं है) से उत्पन्न नहीं हो सकता।