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{{प्राथमिक स्रोत|date=मार्च 2019}}
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हिंदी कवि ऋतुराज का जन्म [[राजस्थान]] में [[भरतपुर]] में 10 फरवरी सन 1940 को हुआ।<ref>{{cite web|title=ऋतुराज:कविता कोश में कविताओं का संग्रह|url=http://kavitakosh.org/kk/%E0%A4%8B%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C|publisher=कविता कोश|accessdate=23 जून 2016|archive-url=https://web.archive.org/web/20160709192149/http://kavitakosh.org/kk/%E0%A4%8B%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C|archive-date=9 जुलाई 2016|url-status=live}}</ref> उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय [[जयपुर]] से अंग्रेजी में एम. ए. की उपाधि ग्रहण की। उन्होंने लगभग चालीस वर्षों तक राजस्थान के विभिन्न महाविद्यालयों में, ज्यादातर एक छोटे बूंदी शहर बूंदी में रहते हुए अंग्रेजी साहित्य का अध्यापन किया। बीच में वहवे थोड़ेकुछ समय के लिए रेडियो चाइना (बीजिंग) में भी रहेरहे। अभी ऋतुराज जयपुर के सांगानेर स्थित प्रताप नगर में रहते थे।हैं।
 
ऋतुराज के अब तक के प्रकाशित काव्य संग्रहों में 'पुल पर पानी', 'एक मरणधर्मा और अन्य कवितायेँकविताऍं', 'सुरत निरत' तथा 'लीला अरविंद', आदि'मैं प्रमुखआंगिरस', कहे'कितना जाथोड़ा सकतेवक़्त', 'अबेकस', 'आशा नाम नदी' आदि हैं। उन्हेंइन्हें [[सोमदत्त सम्मान]], [[परिमल सम्मान]],[[मीरा पुरस्कार]], [[पहल सम्मान|पहल सम्मान,]] तथा ,[[बिहारी पुरस्कार]] आदि मिलसे चुकेसम्‍मानित हैं|किया जा चुका है।
 
राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष रहे ऋतुराज मूलतः वंचितों, उपेक्षितों और पीड़ितों के कवि हैंहैं। । बाद के संग्रहों में मुख्यधारा से अलगइन्‍होंने समाज के हाशिए के लोगोलोगों की चिंताओचिंताओं को ऋतुराज ने अपनी कविताओं का विषय बनाया है| है।
 
जयपुर के प्रसिद्ध साहित्य महोत्सव के(लिट समानांतरफेस्‍ट) उससेकी अज्ञातअंग्रेजीपरस्‍ती  और भारतीय भाषाओं की कारणोंउपेक्षा से खिन्न होते हुएहोकर उन्होंने कुछ स्थानीय कवियोंसाहित्‍यकारों के साथ मिल कर उन्हीं तारीखों में अपना एक अलग समानांतर जयपुर साहित्य उत्सव भी शुरू किया था, जो दुर्भाग्यअब सेपूरे भारत लगभगका असफलएक रहा।प्रतिष्ठित अबवार्षिक ऋतुराजसाहित्‍य जयपुरसमागम बन गया है। इसमें पूरे भारत से सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं के सांगानेरसाहित्‍यकारों स्थितको प्रतापआमंत्रित नगरकिया इलाकेजाता मेंहै। रहतेकोरोना हुएसंकट साहित्यके कीदौरान मुख्यधाराभी सेइसे दूरआभासी लगभगरूप एकाकीमें आयोजित किया गया।<ref>https://www.hemaaryamypoetry.com/2021/09/blog-post.html?m=1</ref>
गुमनामी का जीवन बिता रहे हैं।<ref>https://www.hemaaryamypoetry.com/2021/09/blog-post.html?m=1</ref>
 
== सन्दर्भ ==