"चेतना": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 30:
 
==चेतना का विकास==
चेतना सामाजिक वातावरण के संपर्क से विकसित होती है। वातावरण के प्रभाव से मनुष्य नैतिकता, औचित्य और व्यवहारकुशलता प्राप्त करता है। इसे चेतना का विकास कहा जाता है। विकास की चरम सीमा में चेतना निज स्वतंत्रता की अनुभूति करती है। वह सामाजिक बातों को प्रभावित कर सकती है और उनसे प्रभावित होती है, परंतु इस प्रभाव से अपने आपको अलग भी कर सकती है। चेतना को इस प्रकार की अनुभूति को शुद्ध चैतन्य अथवा प्रमाता, आत्मा आदि शब्दों से संबोधित किया जाता है। इसकी चर्चा चाल्र्स युंग, स्पेंग्ल, विलियम ब्राउन आदि विद्वानों ने की है। इसे देशकाल की सीमा के बाहर माना गया है।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[अंतश्चेतना]]
 
== वाह्य सूत्र ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/चेतना" से प्राप्त