"नेपाली भाषाएँ एवं साहित्य": अवतरणों में अंतर
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==साहित्य ==
नेपाली साहित्य (गद्य तथा पद्य) दोनों ही का आरंभ अठारहवीं शती के मध्य से माना जाता है। प्रथम कवि के रूप में [[उदयानंद
भानुभक्त की नेपाली भाषा का स्वल्प परिचय उनकी रामायण के एक निम्नांकित छंद से मिल सकता है-
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रास्ता यो जाति होला भनिकन कहन्या एक् अगूवा म पाउँ।।
[[द्वितीय विश्वयुद्ध|द्वितीय महायुद्ध]] के बाद भारत के [[भारत का स्वतंत्रता संग्राम|स्वातंत्र्य आंदोलन]] के प्रभाव से नेपाली साहित्य में भी आधुनिकता का समावेश हुआ। किंतु राणाशाही समाप्त होने पर ही नेपाली साहित्य में सच्ची आधुनिकता का प्रवेश हुआ। राणाशाही का अंत होने के पूर्व उससे लोहा लेने वाले और उसके बाद नयी चेतना का प्रतिनिधित्व करनेवाले साहित्यकारां में [[लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा]] तथा [[मास्टर हृदय चंद्र सिंह प्रधान]] के अतिरिक्त नेपाली साहित्य के भीष्मपितामह कवि शिरोमणि [[लेखनाथ पौडेल]], पंडितराज सोमनाथ सिग्देल और पंडित धरणीधर कोइराला के अतिरिक्त बालकृष्ण "सम", भवानी भिक्षु, सिद्धिचरण श्रेष्ठ, "केदारमान" व्यथित, भीमनिधि तिवारी, माधव प्रसाद धिमिरे, प्रेमराजेश्वरी थापा, विजयबहादुर मल्ल, ऋषभदेव शास्त्री आदि का नाम विशेष उल्लेखनीय है। [[बालकृष्ण सम]] के संबंध में
इसमें संदेह नहीं कि राणा शाही के दिनों में उससे संघर्ष करने वाले कवि, कहानीकार और उपन्यासलेखक प्राय: अन्योक्ति का सहारा लेते थे, और कभी आशा और घोर निराशाजनक परिस्थितियों के प्रभाव से उनके काव्य में छायावाद, प्रतीक और कभी कभी नैराश्यवाद की छाया पड़ती रहती थी। फिर भी नियतिवाद और घोर निराशावाद से नेपाली काव्य सदा ही मुक्त रहा। वास्तव में [[हिमवत खंड]] (नेपाल) ही प्रकृति के हाथों मिट्टी पत्थर द्वारा लिखा हुआ एक महाकाव्य है। इसके उर्वर लेक (पहाड़ ऊपर खेत), खौला (नद) हरीयो लंगल, जुनीली रात, आदि स्थायी आहलाद एवं मुक्ति के शाश्वत साधन हैं। भारत के ही समान नेपाल भी कभी प्रमुखत: कृषिकार्य प्रधान देश है। नेपाल में गर्मी तथा जाड़ों की रात में आकाश बहुत ही आकर्षक रहता है। दिन में सदा ही यहाँ सूर्य की महिमा बिखरी रहती है। यही कारण है कि नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर चंद्र और उनके नीचे सूर्य की छाप अंकित हैं। कुल मिला कर नेपाल के जड़ चेतन वातावरण में एक निश्चलता, निश्छलता, संगीत, संतोष और आह्लाद की सुवासित गंध व्याप्त रहती है। यही कारण है कि वहाँ की कला और साहित्य में आशा, आस्था, प्रेम की त्यागमयी अनुभूति, और पुरुषार्थ तथा जीवन के प्रति आह्लाद और संगीत की ध्वनि मुखरित है। यद्यपि काव्य ही नहीं, नाटक, उपन्यास, कहानी, समीक्षा और निबंध आदि सभी विधाओं में नेपाली साहित्य पर्याप्त मात्रा में संपन्न है, तथापि यह कहना अत्युक्ति न होगी कि नेपाली में आज भी कविताएँ सर्वाधिक है।
नेपाली साहित्य में भी [[नाटक|नाटकों]] का आरंभ [[संस्कृत]] के नाटकों के अनुवाद से हुआ। उन दिनों अनुवादक और लेखक ही प्राय: अभिनेता और प्रबंधक भी होते थे। उस समय के नाटककारों में आशुकवि शंभु प्रसाद तथा केसर शमशेर, और जीवेश्वर रिमाल, उस्ताद झुपकलाल मिश्र तथा वीरेंद्र केसरी
[[निबंध]] तथा समीक्षा के क्षेत्र में भी बहुत प्रगति है। प्रथम खेमे के निबंधकारों में पारसमणि प्रधान, रुद्रराज पांडेय, सूर्यविक्रम ज्ञवाली, बाबुराम आचार्य, लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा तथा बालकृष्ण सम के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं। दूसरे खेमे के निबंधकारों में बालचंद्र शर्मा, राजेश्वर देवकोटा, निरंजन भट्ट, राई, ढुंढ़िराज भंडारी, धर्मरत्न यमि, बालकृष्ण पोखरैल आदि के नाम विशिष्ट हैं। यात्रा विवरण प्रस्तुत करने में रामराज पोडैल और शुद्ध आत्मपरक ललित निबंध लेखकों में रामराज पंत तथा
नेपाली साहित्य की आधुनिकतम काव्यधारा सशक्त है। इस समय के प्रसिद्ध तरुण कवियों में भीमदर्शन रोका, एम.बी.वि. शाह, श्यामदास वैष्णव, धर्मराज थापा, पोषन प्रसाद पांडेय, वासुशशी, जनार्दनसम, जगतबहादुर बुढाथोकी, नीरविक्रमप्यासी, भूपीशेरचन, तुलसीदिवस, कालीप्रसाद रिसाल, प्रेमशाह आदि का नाम विशेष उल्लेखनीय है।
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.sanjaal.com/nepalipoems Nepali Poems In Nepali By Popular Poets @ Sanjaal]
*[http://www.sanjaal.com/nepalistories Nepali Stories In Nepali @ Sanjaal]
*[http://www.bangladeshinovels.com/Nepali%20Literature.pdf A Bangla Article on Nepali Literature]
*[http://www.shrijana.com Nepali Literature Website Collections of Nepali poems, articles, stories]
[[श्रेणी:भाषा]]
[[श्रेणी:विश्व की भाषाएँ]]
[[श्रेणी:साहित्य]]
[[en:Nepali literature]]
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