"वैशेषिक दर्शन": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
छो robot Modifying: zh:胜论; अंगराग परिवर्तन |
||
पंक्ति 91:
इन सब बातों को देखकर यह स्पष्ट है कि वैशेषिक मत में तत्वों का बहुत सूक्ष्म विचार है। फिर भी सांसारिक विषयों में न्याय के मत में वैशेषिक बहुत सहमत है। अतएव ये दोनों "समानतंत्र" कहे जाते हैं।
=== न्याय एवं वैशेषिक में प्रमुख भेद (सारांश) ===
इन दोनों दर्शनों में जिन बातो में "भेद" है, उनमें से कुछ भेदों का पुन: उल्लेख यहाँ किया जाता है।
पंक्ति 123:
प्रत्येक प्रसिद्ध भारतीय दर्शन इसी दर्शनमार्ग का एक-एक विश्रामस्थान है। प्रत्येक विश्रामस्थान से स्वतंत्र रूप में परमतत्व की खोज की गई है। अतएव एक दर्शन दूसरे दर्शन से भिन्न भी है। दृष्टिकोण के भेद से परस्पर भेद होना स्वाभाविक है, किंतु इनमें परस्पर वैमनस्य नहीं है। कोरक से क्रमश: विकसित फूल के समान सोपान की क्रमिक बढ़ती हुई परंपरा में लक्ष्य की तरफ जाते हुए दर्शनों में एक आगे है, और एक पीछे है। सभी एक ही पथ के पथिक है।
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://hi.brajdiscovery.org/index.php?title=वैशेषिक_दर्शन_का_वैशिष्ट्य वैशेषिक दर्शन का वैशिष्ट्य]
[[cs:Vaišéšika]]
पंक्ति 143:
[[sv:Vaisheshika]]
[[uk:Вайшешика]]
[[zh:胜论
|