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[[चित्र:Two dim standing wave.gif|right|thumb|250px|एक आयताकार अनुनादक में उत्पन्न अप्रगामी तरंगें]]
कोई भी युक्ति या तंत्र जो [[अनुनाद|अनुनादी]] व्यवहार प्रदर्शित करती हो, '''अनुनादक''' (resonator) कहलाती है। इसका अर्थ है कि यह कुछ विशेष आवृत्तियों पर अन्य आवृत्तियों की अपेक्षा सहज रूप में अधिक आयाम के साथ दोलन करती है। अनुनादक, यांत्रिक और विद्युतचुम्बकीय दोनो तरह के हो सकते हैं। इनका उपयोग किसी विशेष आवृत्ति का संकेत पैदा करना तथा किसी मिश्रित संकेत से किसी विशेष आवृत्ति को फिल्टर करना हो सकता है।
 
'''गुहाकोटर अनुनादक''' (cavity resonator) शब्द प्रायः विद्युतचुम्बकीय अनुनादकों के लिये प्रयुक्त होता है। जबकि श्रव्य तरंगों के अनुनाद के लिये लिये प्रयुक्त खोखले पात्रों को हेल्मोल्ज अनुनादक (Helmholtz resonators.) कहते हैं।
 
[[श्रेणी:ध्वनि]]