वैश्लेषिक फलन
गणित में वह फलन वैश्लेषिक फलन (analytic function) कहलाता है जिसे अभिसारी घात श्रेणी में बदला जा सके। वास्तविक व समिश्र दोनों तरह के वैश्लेषिक फलन पाये जाते हैं जिनके जिनकी श्रेणियाँ कुछ समानता व कुछ भिन्नता के साथ होती हैं।
परिभाषा
संपादित करेंसामान्यतः, कोई फलन ƒ वास्तविक संख्या रेखा पर खुले समुच्चय D में वास्तविक वैश्लेषिक होगा यदि D में सभी x0 के लिए
जहाँ गुणक a0, a1, ... आदि वास्तविक संख्याएं हैं और श्रेणी ƒ(x) पर x के लिए x0 के परिवेश में अभिसारी है।
उदाहरण
संपादित करेंex एक वैश्लेषिक फलन है। इसी तरह sin x, cos x, tan x आदि सभी त्रिकोणमितीय फलन भी वैश्लेषिक हैं। बहुपद फलन (वास्तविक अथवा समिश्र) वैश्लेषिक फलन का उदाहरण है। लगभग सभी विशेष फलन, जैसे गामा फलन, बेसल फलन, हाइपरज्यामितीय फलन आदि, वैश्लेषिक हैं। किसी आवेश-मुक्त एवं चुम्बकीय-पदार्थ-मुक्त क्षेत्र में, x-y तल में चुम्बकीय क्षेत्र B वैश्लेषिक होगा यदि Bz का z के सापेक्ष आंशिक अवकलज सभी बिन्दुओं पर शून्य हो।
निरपेक्ष मान फलन (absolute value function) वैश्लेषिक नहीं है।
वैश्लेषिक फलन के गुणधर्म
संपादित करें- वैश्लेषिक फलन अनन्त अवकलनीय (infinitely differentiable) होते हैं (किन्तु सभी अनन्त अवकलनीय फलन, वैश्लेषिक नहीं होते)।
- वैश्लेषिक फलनों के योग, गुणनफल और संयुक्त फलन (composite function) भी वैश्लेषिक होते हैं।
ये भी देखें
संपादित करें- कोशी रीमान समीकरण -- समिश्र फलनों की वैश्लेषिकता के परीक्षण के लिये आवश्यक शर्त
- होलोमार्फिक फलन
- आविश्लेषिक फलन
सन्दर्भ
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