शस्त्र (1996 फ़िल्म)
शस्त्र संजय खन्न निर्देशित १९९६ की एक हिन्दी एक्शन फिल्म है। फ़िल्म के मुख्य कलाकार सुनील शेट्टी और अंजली जठर हैं।
शस्त्र | |
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निर्देशक | संजय खन्ना |
लेखक | रुमी जाफ़री |
निर्माता |
नादिर ईरानी नदीम ईरानी |
अभिनेता |
सुनील शेट्टी अंजली जठर |
छायाकार |
नजीब खान तेजा |
संपादक | यूसुफ़ खान |
संगीतकार | आदेश श्रीवास्तव |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
144 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
पटकथा
संपादित करेंविजय (सुनील शेट्टी) की अपने पिता की तरह क्लेकटर बनने की एकमात्र इच्छा है। वो पूजा (अंजली जठर) के थोड़े विघ्न को छोड़कर अपनी पढ़ाई पर पूर्ण ध्यान देता है। पूजा उसे पसंद करती है और उससे विवाह करना चाहती है। विजय हमेशा यह सोचता है कि उनके माता-पिता का निधन दुर्घटना में नहीं हुआ बल्कि उनके विश्वसनीय सुरक्षा अधिकारी बाबु (डैनी डेन्जोंगपा) ने हत्या कर दी। विजय बाबु को खोजता है और जब अन्त में उसे बाबु मिलता है तो उसे बाबु बताता है कि उसको केवल कठपुतली के रूप में काम में लिया गया है और असली हत्यारा खुले में घूम रहा है और विजय को हत्यारे तक केवल एक ही व्यक्ति पहुँचा सकता है और वो व्यक्ति गिरधारी (ललित तिवारी) खण्डला में है। जब तक विजय सत्य का पता लगाता तब तक गिरधारी की हत्या हो गयी। विजय और बाबु ने शान्ति प्रसाद (अनुपम खेर) के कसीनो में काम करना आरम्भ कर दिया। वहाँ का स्थानीय गुंडा (मोहन जोशी) उनका दुश्मन बन जाता है। कुछ समय बाद विजय खंडाला को छोड़ने का निर्णय लेता है और वास्तविक हत्यारे के बारे में जान जाता है। लड़ाई में विजय, बाबु को खो देता है और दुश्मनों से आगे की लड़ाई में अकेला रह जाता है।
कलाकार
संपादित करेंसंगीत
संपादित करें- "कुछ हुआ रे हुआ रे" - बाबुल सुप्रियो, पूर्णिमा
- "क्या अदा क्या जलवे" - उदित नारायण
- "लड़की दीवानी लड़का दीवाना" - उदित नारायण, आदित्य नारायण और सुनिधि चौहान
- "मोरे सैयाँ" - हेमा सरदेसाई