ग्वालियर रियासत के राजकुमार शालिवाहन सिंह जी तोमर। मेवाड के राणा उदय सिंह जी के जंवाई एवं महाराणा प्रताप के बहनोई भी थे। ग्वालियर के पराक्रमी राजा मानसिंह तोमर (१४८६ई.)के पौत्र एवं तत्कालीन राजा रामशाह जी तोमर के पुत्र थे।

हल्दीघाटी के प्रसिद्ध युद्ध में महाराणा प्रताप के सेनापति बनाए गए और १८ जून १५७६ ई.को राजा रामशाह जी तोमर एवं अपने भाईयों कुंवर भवानी सिंह,कुंवर प्रताप सिंह और पुत्र बलभद्र सिंह और सैंकडों वीर तोमर राजपूत योद्धाओं के साथ मुगलों से लोहा लेते हुए हल्दीघाटी में स्थित रक्त तलाई में सो गए।आज भी इन वीर राजपूत योद्धाओं की याद में हल्दीघाटी में छतरी बनी हुई हैं जो हमें तोमर राजवंश की वफादारी और अतुलनीय बलिदान की याद दिला रही है।