शिवाजी द्वितीय
शिवाजी द्वितीय (१६९६ से १७२६) मराठा राजा था। राजाराम की मृत्यु के बाद शिवाजी द्वितीय गद्दी पर बैठा। जब वह गद्दी पर बैठा तो केवल ४ साल का था और उसकी माँ ताराबाई ने उसे गद्दी पर बिठाया था। उसकी माँ उसकी संरक्षिका बनी। ताराबाई ने [1] मुगलों के खिलाफ मराठों का नेतृत्व किया जिसमें मराठों को सफलता भी मिली। शिवाजी द्वितीय के राजा बनने का शाहूजी ने विरोध किया पर वो १७ सालों तक मुगलों के यहाँ बन्दी बना रहा। शिवाजी की मृत्यु के बाद [2] शिवाजी ने १७०० से १७०७ तक शासन किया था। [3] शाहूजी ने मराठों का नेतृत्व किया।
शिवाजी द्वितीय | |||||
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मराठा साम्राज्य के छत्रपति | |||||
शासनावधि | १७००-१७०७ | ||||
पूर्ववर्ती | राजाराम | ||||
उत्तरवर्ती | शाहूजी | ||||
जन्म | शिवा राजाराम ०९ जून १६९६ जिंजि | ||||
निधन | १४ मार्च १७२६ रायगढ़ दुर्ग | ||||
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घराना | भोंसले | ||||
पिता | राजाराम | ||||
माता | तारा बाई | ||||
धर्म | हिन्दू |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ शिवाजी द्वितीय
- ↑ Bakshi, Shiri Ram; Sharma, Sita Ram; Gajrani, S (1998). Contemporary Political Leadership in India:Sharad Pawar The Maratha Legacy. New Delhi: S.B. Nangia. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7648-007-X. मूल से 17 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 दिसंबर 2015.
- ↑ Sen, Sailendra (2013). A Textbook of Medieval Indian History. Primus Books. पपृ॰ 201–202. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9-38060-734-4.
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