श्रेणी वार्ता:औषधि
यह एक औषधि पौधा है| मारवाडी भाषा में इसे रीँगणी कहते है| इसकी पत्तिया बैँगन के पौधे जैसी होती है| इसके डंठल तथा पत्तियोँ पर काँटे होते है| इसके बीजो को तिल के तेल में मिलाकर जलाने से बने धुँए को करीब दस मिनट मुँह में रखने पर दाढ के कीड़े मरकर गिर जाते है| दाढ दर्द में यह बहुत ही लाभकारी है| यह सर्वत्र मिल जाता है|