श्वेतोलूक (टायटो अल्बा) या लक्ष्म्युलूक (लक्ष्मी उलूक) विश्व में उल्लू की सबसे सार्वत्रिक वितरित प्रजाति है और पक्षियों की सभी प्रजातियों में सर्वव्यापक है, जो ध्रुवीय और मरुस्थलीय क्षेत्रों के अतिरिक्त लगभग प्रत्येक स्थान पाया जाता है, हिमालय के उत्तर में एशिया, अधिकांश इण्डोनेशिया, और कुछ प्रशान्त द्वीप समूह । हिन्दू पौराणिक कथानुसार, श्वेतोलूक देवी लक्ष्मी की वाहन है।[1]

श्वेतोलूक
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: प्राणी
संघ: रज्जुकी
वर्ग: पक्षी
गण: उलूक
कुल: टायटोनिडै
वंश: टायटो
जाति: टायटो अल्बा

श्वेतोलूक की न्यूनतम तीन प्रमुख वंशावली हैं: यूरोप का पश्चिमी श्वेतोलूक, पश्चिमी एशिया और अफ़्रीका ; दक्षिणपूर्वी एशिया और औस्ट्रेलिया का पूर्वी श्वेतोलूक ; और अमेरिका के अमेरिकीय श्वेतोलूक

श्वेतोलूक अपनी अधिकांश सीमा पर निशाचर है; किन्तु ग्रेट ब्रिटेन और कुछ प्रशान्त द्वीपों में, यह दिन में भी शिकार करता है। श्वेतोलूक भूमि पर पश्वों का शिकार करने में माहिर होते हैं और उनके लगभग सभी भोजन में छोटे स्तनधारी होते हैं, जिन्हें वे ध्वनि से ढुण्ढते हैं, उनकी श्रवण बहुत द्रुत होती है। प्रजनन वर्ष के विभिन्न समय पर होता है, स्थानानुसार, अण्डों के एक समूह के साथ, लगभग चार की संख्या में, एक वृक्ष कोटर, पुरानी इमारत, या एक चट्टान में दरार में नीड़ में रखा जाता है। मादा सभी ऊष्मायन करती है, और वह और युवा चूजे भोजन हेतु नर पर निर्भर होते हैं। जब बड़ी संख्या में छोटे शिकार आसानी से उपलब्ध होते हैं, श्वेतोलूक आबादी तेजी से बढ़ सकती है; और विश्वस्तर पर पक्षी को न्यूनतम संरक्षण की चिन्ता का विषय माना जाता है।

बाह्य सूत्र

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  1. "Know it 'Owl': Ritualistic Sacrifices of Owls During Diwali". Wildlife SOS (अंग्रेज़ी में). 2021-11-10. अभिगमन तिथि 2023-05-28.