सदस्य:अरुण प्रताप/श्वेत बटन खुम्भ
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Agaricus bisporus | |
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वर्गिकी (जीवविज्ञान)|वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | कवक |
डिवीज़न: | बसीडियोमाइकोटा |
वर्ग: | अगेरिकोमाइसिटीज़ |
गण: | अगेरिकेल्स |
कुल: | अगेरिकेसी |
कुल: | अगेरिकस |
प्रजाति: | ए. बाइस्पोरस |
द्विपद नाम | |
Agaricus bisporus (J.E.Lange) Imbach (1946)<ref name='Imbach1946'> | |
पर्यायवाची | |
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अगेरिकस बाइस्पोरस यूरोप और उत्तरी अमेरिका के घास के मैदानों में उगने वाला एक खाद्य बेसीडियोमाइसिटी खुम्भ है।अपरिपक्व अवस्था में यह दो रंगों सफेद और भूरे रंगों में होता है परिपक्व अवस्था में यह पोर्टोबेलो मशरूम कहा जाता है।[1] छोटे आकार के पोर्टोबेलो मशरूम को पोर्टोबेलिनी कहा जा सकता है ।
अपरिपक्व और सफेद मशरूम को आम मशरूम, बटन मशरूम, सफेद मशरूम, कृष्य मशरूम, टेबल मशरूम और चैम्पिग्नोन मशरूम इत्यादि नामों से जाना जाता है। अपरिपक्व और भूरे रंग के मशरूम को स्विस ब्राउन मशरूम, रोमन ब्राउन मशरूम, इतालवी ब्राउन, इतालवी मशरूम, क्रेमिनी मशरूम, बेबी बेला, ब्राउन कैप मशरूम, या चेस्टनट मशरूम इत्यादि नामों से जाना जाता है।[2]
अगेरिकस बाइस्पोरस की खेती सत्तर से अधिक देशों में होती है। यह विश्व में सबसे अधिक खाया जाने वाला मशरूम है।
वर्गीकरण
संपादित करेंआम मशरूम का एक जटिल वर्गीकरण इतिहास है । इसका सर्वप्रथम वर्णन अंग्रेज़ वनस्पतिशास्त्री मॉर्डेकाइ क्युबिट कुक ने 1871 में लिखी गई अपनी पुस्तिका ब्रिटिश कवक, में अगेरिकस कम्पेस्ट्रिस की एक किस्म के रूप में किया।[3][4] डेनिश कवक विज्ञानी जैकब इमैन्युएल लैन्ग ने 1926 में एक कल्टीवार के नमूना की जाँच कर इसे सैलियोटा होर्टेन्सिस var. बाइस्पोरा का नाम दिया।[5] 1938 में इसे एक प्रजाति(स्पीशीज़) के रूप में स्थापित किया गया तथा सैलिओटा बाइस्पोरा नाम दिया गया।[6] 1946 में जीनस सैलियोटा को नया नाम अगेरिकस दिए जाने के बाद एमिल इम्बाक (1897–1970) ने इसे नया वैज्ञानिक नाम अगेरिकस बाइस्पोरस दिया।[7] इसाके नाम मे प्रयुक्त विशिष्ट विशेषण बाइस्पोरा द्विबीजाणुयुक्त बसीडिया को चतुर्बीजाणुयुक्त किस्मों से अलग करता है।
विवरण
संपादित करेंमूल जंगली प्रजातियों की पाइलियस या टोपी हल्के सलेटी-भूरे रंग की होती है तथा हल्के रंग की पृष्ठभूमि पर चौड़ी और चपटी शल्कें पाई जाती है, जो कि किनारों की ओर हल्की होती जाती है।आरंभिक अवस्था में यह टोपी अर्धगोलाकार की होती है तथा परिपक्व होने पर यह 5–10 सेन्टीमीटर (0.16–0.33 फीट) के व्यास वाली चपटी संरचना में परिवर्तित हो जाती है। मशरूम का बेलनाकार वृन्त 6 से॰मी॰ (2.4 इंच) लंबा 1-2 सेमी चौड़ा है तथा एक मोटे और संकीर्ण वलय युक्त होता है। परिपक्व गूदा सफेद होता है किन्तु चोटिल हो पर हल्के गुलाबी-लाल रंग का हो जाता है। [8] के बीजाणु छाप गहरे भूरे रंग का आता है। बीजाणु अंडाकार व गोल हो सकते हैं और लगभग 4.5–5.5 माइक्रोन × 5-7.5 माइक्रोन की माप वाले होते हैं और बसीडिया आमतौर पर द्विबीजाणुयुक्त होते हैं हालांकि दो चतुर्बीजाणुक किस्मों की प्राप्ति मोजावे रेगिस्तान और भूमध्य सागर के क्षेत्रों से हुई है। जो क्रमशः हेटेरोथैलिक अथवा भिन्नजालिक (विषमलिन्गी) और होमोथैलिक अथवा समजालिक (समलिन्गी) प्रकार की लैन्गिक जननशैली का प्रदर्शन करते हैं।.[9][10]
वर्षा होने के बाद दुनिया भर के घास के मैदानों में यह सामान्य मशरूम पाया जाता है। खाद की उपस्थिति में यह बसंत से लेकर शरद ऋतु तक व्यापक रूप से उगता है।. यह व्यापक रूप से एकत्रकर खाया जाता है, उन लोगों के द्वारा भी जो आम तौर पर मशरूम का शिकार नहीं करते हैं । [11]
इसी तरह की प्रजातियों में से
संपादित करेंविषैला मशरूम डेस्ट्राॅइंग एंजल (अमेनिटा स्पीशीज़) अपनी नन्ही अवस्था में सामान्य मशरूम जैसा ही दिखता है किन्तु परिपक्व होने पर मशरूम के आधार भाग पर स्थित वॉल्वा ( मशरूम के शैशवकाल मे उसका आवरण) कप के आकार की संरचना तथा शुद्ध सफेद गिल्स की उपस्थिति के कारण अलग से पहचाना जा सकता है, क्योंकि अगेरिकस में गिल्स गुलाबी या भूरे रंग के होते हैं। इस प्रकार यह आवश्यक है कि मलबे को साफ कर आधार की जाँच की जाए तथा मशरूम के गिल्स की जाँच हेतु उसे टोपी के बीच से काटकर देखा जाए। इसके अलावा डेस्ट्राॅइंग एंजल माॅस काई युक्त जंगलों में स्प्रूस के वृक्षों के साथ सहजीविता के साथ बढ़ता है।
इसी प्रकार अगेरिकस ज़ैन्थोडर्मस जो कि दुनिया भर में घास के क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक अखाद्य मशरूम है, भी सामान्य मशरूम अगेरिकस बाइस्पोरस जैसा ही दिखता है। यह मशरूम अपेक्षाकृत रूप से कम विषैला होता है। ए. ज़ैन्थोडर्मस की गंध फिनोल जैसी होती है। चोटिल होने के बाद इसका गूदे का रंग बदलकर पीले रंग का हो जाता है। इस कवक को खाने से मनुष्यों में मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है। .
मशरूम की एक विषैली यूरोपीय प्रजाति एन्टोलोमा सिनुएटम भी सामान्य मशरूम के साथ किंचित समानता रखती है लेकिन इसके पीले रंग के गिल्स परिपक्व होकर गुलाबी हो जाते हैं तथा यह वलयरहित होता है।
कृषि का इतिहास
संपादित करेंए . बाइस्पोरस की व्यावसायिक कृषि का सर्वप्रथम उल्लेख फ्रेंच वनस्पतिशास्त्री जोसेफ पितॉ दा तॉनेफो द्वारा 1707 में किया गया।.[12] फ्रेंच कृषक ओलिवर दा सेरेस ने बताया कि मशरूम माइसीलियम अर्थात कवकतन्तु जाल की रोपाई द्वारा मशरूम की खेती की जा सकती है।
मूल रूप से, इसकी कृषि भरोसेमंद नहीं थी क्योंकि मशरूम उत्पादकों को माइसीलियम खोदने तथा खाद से बनी वेदिका (बेड) पर रोपने से पहले मशरूम की बड़ी खेप की खोज करनी पड़ती थी। इस प्रकार एकत्रित स्पॉन (अण्डे) रोगाणुओं से युक्त होते थे तथा उत्पादन अनुकूल भी नहीं होते थे।'[13] 1893 में, पेरिस स्थित पाश्चर संस्थान द्वारा घोड़े की कमपोस्ट खाद में उगाने हेतु विसंक्रमित अथवा शुद्ध कल्चर स्पॉन की खोज की गई। [14]
आज के व्यावसायिक किस्म का आम मशरूम मूल रूप से हल्के भूरे रंग का है । 1926 में, पेंसिल्वेनिया के एक मशरूम किसान ने अपनी मशरूम वेदिका में सफेद टोपीयुक्त आम मशरूम का एक झुण्ड देखा। भोजन के रूप में सफेद ब्रेड के अपनाए जाने के बाद यह आकर्षक भोजन प्रकार बहुत लोकप्रिय हो गया है । [15]
ए. बाइस्पोरस की खेती विश्व के लगभग सत्तर देशों में की जाती है। वैश्विक उत्पादन 1990 के दशक में 1.5 मिलियन टन से अधिक रहा जिसका मूल्य अमेराकी डालर में 2 अरब डॉलर से भी अधिक आँका गया। [16]
पोषण प्रोफ़ाइल
संपादित करेंप्रति परोस का 100 ग्राम (3.5 औंस) | |
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ऊर्जा | 93 कि॰जूल (22 किलोकैलोरी) |
कार्बोहाइड्रेट | 3.26 g |
शर्करा | 1.98 g |
आहार रेशे | 1 g |
वसा | 0.34 g |
प्रोटीन | 3.09 g |
पानी | 92.45 g |
थायमिन(विटा.बी१) | 0.081 mg (6%) |
रिबोफ्लेविन(विटा.बी२) | 0.402 mg (27%) |
नायसिन(विटा.बी३) | 3.607 mg (24%) |
पैण्टोथेनिक अम्ल (बी५) | 1.497 mg (30%) |
विटामिन बी६ | 0.104 mg (8%) |
फोलेट (Vit. B9) | 17 μg (4%) |
विटामिन बी१२ | 0.04 μg (2%) |
विटामिन सी | 2.1 mg (4%) |
विटामिन डी | 0.2 μg (2%) |
लौह | 0.5 mg (4%) |
मैग्नेशियम | 9 mg (2%) |
फास्फोरस | 86 mg (12%) |
पोटैशियम | 318 mg (7%) |
सोडियम | 3 mg (0%) |
जस्ता | 0.52 mg (5%) |
Link to USDA Database entry Percentages are relative to US recommendations for adults. Source: USDA Nutrient database |
100 ग्राम कच्चे सफेद मशरूम से 93 किलोजूल (22 किलोकैलोरी) खाद्य ऊर्जा प्राप्त होती है और यह (> 19% की दैनिक मूल्य, डीवी) की विटामिन बी, राइबोफ्लेविन, नियासिन, और पेन्टोथेनिक अम्ल (सारणी देखें) का एक बहुत अच्छा स्रोत है। ताजा मशरूम पोषक खनिज फास्फोरस (सारणी) का भी एक अच्छा स्रोत (10-19% नित्य मूल्य) है।
जबकि ताजे ए. बाइस्पोरस में 0.2 माइक्रोग्राम (8 आइयू) विटामिन डी, अर्गोकैल्सिफेरॉल (विटामिन डी 2) के रूप में पाया जाता है। पराबैंगनी प्रकाश प्राप्त करने के बाद अर्गोकैल्सिफेरॉल की मात्रा काफी बढ़ जाती है। [17][18]
अनुसंधान
संपादित करेंमशरूम में हाइड्राज़ीन व्युत्पन्न अगेरिटीन और गाइरोमिट्रिन पाए जाते है जो कि कैंसरकारक प्रवृत्ति के होते हैं। [19] निश्चित मात्रा में सेवन से अगेरिटीन, जो कि एक हाइड्राज़ीन है, मनुष्य के स्वास्थ्य पर कोई विषाक्त प्रभाव नहीं छोड़ता है। [20]
गैलरी
संपादित करें-
Portobello मशरूम
-
पार अनुभाग की एक portobello cultivar
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उदर देखने के एक portobello cultivar के साथ एक bisected डंठल
-
दो Agaricus bisporus मशरूम है कि आपस में जुड़े हुए है
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सफेद Agaricus bisporus
-
ग्रील्ड portobello, feta, और रॉकेट सलाद toasted baguette
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Unionville Mushrooms: Portabella mushrooms Linked 2017-09-22
- ↑ Think Vegetables: Chestnut mushroom Retrieved 2013-04-01
- ↑ Cooke MC (1871). Handbook of British Fungi. 1. London: Macmillan and Co. पृ॰ 138.
- ↑ "Species Fungorum – Species synonymy". Index Fungorum. CAB International. मूल से 10 June 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 January 2010. नामालूम प्राचल
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<references>
में "Imbach1946" नाम के साथ परिभाषित <ref>
टैग उससे पहले के पाठ में प्रयुक्त नहीं है।स्रोत
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के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद);|ISBN=
और|isbn=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद) - Genders, Roy (1969). Mushroom Growing for Everyone. London: Faber. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-571-08992-5.
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के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद);|ISBN=
और|isbn=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)