दग्धाक्षर- पद्य रचना के आरंभ में कुछ अक्षर अशुभ माने गए हैं, अर्थात् उन अक्षरों से पद्य की शुरुआत करने से छंद को दूषण और कवि पर विपत्ति की संभावना रहती है। इनकी संख्या पहले १९ मानी जाती थी। अन्य कवियों ने इनकी संख्या घटाकर ५ कर दी है। ये ५ दग्धाक्षर है, झ,ह,र,भ,ष आचार्यों द्वारा इनके दोष का परिहार भी बताया गया है।