( लोहागढ़ दुर्ग का इतिहास )

झाँसी जिले से 80 कि.मी. की दूरी पर मोठ तहसील में स्थित लोहागढ़ दुर्ग आज भी हम सब के लिए पेरणा बना हुआ है ! 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान झांसी की रानी लक्ष्मी जब अंग्रेजों से लोहा ले रहीं थीं और जब वह झाँसी से कालपी जा रहीं थीं तो अंग्रेज उन का पीछा कर रहे थे!भाण्डेर होती हुई जैसे ही वह लोहागढ़ में आईं तो यहाँ के चौहान,गुर्जर,मुसलमानो ने मिल कर अंग्रेजों से लोहा लिया और रानी लक्ष्मी बाई को अग्रेजों से सुरक्षित कर यहाँ से निकाल दिया ! बड़ी ही पावन भूमि है यह लोहागढ़ इस के दक्षिण दिशा में भैरव जी सरकार का पावन स्थान है और उत्तर दिशा में लालेबाबा का पावन स्थान है किले के पीछे दूल्हादेव बाबा का स्थान किले के सामने देवीजी हनुमानजी का वड़ा ही भव्य स्थान वना हुआ है ! पं.राजू श्रीधर (प्रवक्ता) हस्तरेखा विशेषज्ञ 8319280173