राजू पंडित
प्रस्तावना
राजू पंडित जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,18,554 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
( लोहागढ़ के भैरब मन्दिर का इतिहास )
संपादित करेंलोहागढ़- भैरब मन्दिर आज भी आस्था का प्रतीक है इस से जुड़ी एक कथा मिलती है लोहागढ़ गाँव के दक्षिण दिशा में जंगल ऐरिया था जहाँ पर एक पेड़ के नीचे भैरब जी की गोल पत्थर की एक प्रतिमा रखी हुई थी एक बार एक व्यापारी उसी रास्ते से जा रहा था उस की वैलगाड़ी अचानक ख़राब हो गई उस की गाड़ी का पहिया अचानक से निकल गया उस ने उसे ठीक करने के लिए भैरब जी की जो गोल प्रतिमा रखी थी उसे उठा लिया उसे नहीं पता था की वह किसी देवता की प्रतिमा है उसने अपनी गाड़ी ठीक कर ली और उस ने सोचा कहीं मेरी गाड़ी फिर रास्ते में ख़राब न हो जाये यह सोचकर उसने उस पत्थर को अपनी गाड़ी में रख लिया जब उसने गाड़ी को हाँका तो उस की बैलगाड़ी में लगे बैल आगे नहीं बड़ रहे थे कुछ समय बाद वहाँ पर कुछ ग्वाला आये उन्होंने उस पत्थर के बारे में वताया की यह तो भैरब जी सरकार है तो उसने विश्वाश कर उस ने मंदिर का निर्माण कराया जो चूना पत्थर से वना है!आज उस मंदिर का निर्माण चल रहा है!राजू श्रीधर हिन्दी (प्रवक्ता) लोहागढ़ मोठ झाँसी उ प्र