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एलिज़बेत आनी ली नोयर (१७५५ - १८४१) एक अंग्रेज़ी महिला कवि, उपन्यास्कार और नारीवादी और प्रकृतवादी युग से थी। वे एक विधवा घर में उठाया था। उसकी कदम पिता, जान न्युबेरी, बहुत अवसरों दिया था जिसके द्वारा वे साहित्य में दिलचस्पी बन गयी। कुछ समय 'दि रीडिंग मेरकुरि' में काम करने पर उनको और उनकी बेहेन को वो विरासत में मिल गया। उनकी शादी जीन बाप्टिस्ट लि नोयर से हुई जहॉं से उनको अपना उपनाम प्राप्त हुआ। यद्यपि उनको कोई भी बच्चा नहीं था, उसने अपनी दो महिला रिश्तेदारों को पढ़ा।। यद्यपि ले नोयर के महान काम थे, शायद वह प्रसिद्ध धार्मिक कवि क्रिस्टोफर स्मार्ट की बेटी के रूप में जाना जाता है।
जीवनी
संपादित करेंप्रारंभिक जीवन
संपादित करें१७५५ में एलिज़बेत आनी ली स्मार्ट का जनम लंडन के इस्लिंगडन में हुआ था। उनके पिता का नाम क्रिस्टफर स्मार्ट एवं माता का नाम अन्ना मरिया कारनन था। वे अपनी माता-पिता एवं बेहेन मेरि आनी स्मार्ट के साथ रेहती थी। अपने काम में असफलता के कारण स्मार्ट अपने परिवार के लिये ज़्यादा कुछ नही कमा पाते थे। १७६०'स के समय, समाज उन्हे एक पागल शराबि माने लगे एवं इस कारण वे अपने बीवी बच्चों का खयाल नही रख पाते थे। उन्हे जल्द ही 'सेंट लूक अस्पताल फोर लुणाटिक्स' में 'इल्लाज किया जा सकने' वाले रोगि के नाम से भरती करना पडा था।[1] १७६३ में स्मार्ट को पागलपन के लिए कैद किया गया था, और इस वर्ष की गर्मियों में डॉ.जॉनसन ने अपने सेल में दौरा किया था। १७६८ में अपने लेनदारों द्वारा राजा की पीठ में स्थायी रूप से स्मार्ट तक ही सीमित कर दिया गया था।[2] उस समय के दौरान, जहां एलिजाबेथ ऐनी के पिता को कैद किया गया था, उनकी मां, बहन और खुद उनकी मां के कदम-पिता जॉन न्यूबेरी के साथ 1972 में पढ़ना, बर्कशायर में बस गए थे, जिन्होंने उनके लिए परवाह की थी। जॉन एक अंग्रेज़ी प्रकाशक थे जो एक समय में क्रिस्टफर स्मार्ट के रचनाओं को समर्थित किया।
वयस्कता
संपादित करें१७९५ में उन्होने जॉन बाप्टिस्ट ले नोयर नामक फ्रेंच अप्रवासी से शादी किया। उन्होने बर्कशायर के रीडिंग में अपना घर बनाया जहॉं जॉन एक फ्रेंच अध्यापक थे और एलिज़बेत घर का काम संभालते हुए अपने दो रिशतेदारों को पठन-लिखना सिखाया। उनके बचपन में उनकी मॉं उन्हे लिखने से हटोत्साह कर दी।[3]
बचपन से हि नोयर को लिखना बहुत पसंद था। उन्होने अपनी इस रुची के कारण अपनी बहुत सारी रचनाओं को प्रकाशन किया। अपनी कलात्मक पृष्टभूमि के कारण उनके उपन्यास एवं कविताएं बाकी लोगों से अलग थी। उनकी रचनाएं इतनी सुंदर थी कि मेरि रुसेल मिटफोर्ड ने उनके उपन्यासकों अत्यंत रुचिकारक माना जिन्हे पढते-पढते हम उसी में खो जाते थे। ले नोयर की रचनाओं को कई आराधक थे जिन्मे से एक डॉ बर्नि थे। नोयर की पहली उपन्यास विलेज अनेकडॉट्स (१८०३) उनको समर्पण किया।[4]
रचना
संपादित करें१८०३ विल्लेज अनेल्स (गांव अनालों) घरेलू जीवन में एक दृश्य, दो खंडों में एक उपन्यास १८०४ विल्लेज अनेक्डोट्स (गाँव एकेडॉट्स) या जर्नल ऑफ़ ए इयर, सोफिया से एडवर्ड तक, तीन खंडों में एक दूसरा संस्करण १८०७ में प्रकाशित हुआ था, और डॉ बर्नी को समर्पित। एक तिहाई १८२१ में प्रकाशित हुआ था। १८०४ विक्टोरिन्स एक्सकुर्षण (विक्टोरिन का भ्रमण) १८०५ क्लारा दे मोन्ट्फिएर ,एक नैतिक कथा, तीन खंडों में लेडी चार्लोट ग्रेविले को समर्पित एक दूसरा संस्करण १८१० में 'द मैड ऑफ़ ला वेंडी' के नाम से प्रकाशित हुआ था। १८१२ कोन्वेर्सेषन्स (वार्तालाप) दो खंडों में, युवाओं के मनोरंजन और निर्देशन के लिए, कविताएं के साथ जुड़े। १८२५ मिसेल्लेनियेस पोएम्स (विविध कविताएं), दो खंडों में, विसकॉन्टेस सिसमाउथ के लिए समर्पित [5]
मृत्यु
संपादित करेंएलिज़बेत आनी ले नोयर की मृत्यु ६ मई १८४१ को कावेरषम के प्रयोरि में हुआ था। अपने पति के मृत्यु के छह साल बाद उनकी मृत्यु हुई।[6]
संदर्भ
संपादित करें- ↑ https://en.wikipedia.org/wiki/Elizabeth_Anne_Le_Noir
- ↑ http://extra.shu.ac.uk/corvey/corinne/Le%20Noir/Le%20Noir%20biography.htm
- ↑ https://en.wikipedia.org/wiki/Elizabeth_Anne_Le_Noir
- ↑ https://en.wikipedia.org/wiki/Elizabeth_Anne_Le_Noir
- ↑ The London Review and Literary Journal, 45, March 1804.
- ↑ https://en.wikipedia.org/wiki/Elizabeth_Anne_Le_Noir