गीत चतुर्वेदी
जन्म27 नवम्बर 1977 (1977-11-27) (आयु 46)
मुंबई, महाराष्ट्र
पेशाकवि, लघु कहानी लेखक, पत्रकार और अनुवादक
राष्ट्रीयताभारतीय
खिताबकविता के लिए भारत भूषण पुरस्कार, फिक्शन के लिए कृष्ण प्रताप पुरस्कार


गीत चतुर्वेदी मुंबई, महाराष्ट्र में नवंबर १९७७ को २७ पैदा हुआ था। उन्होने आपना जीवन भोपाल, भारत में बिताये थे।

वह अपनी पीढ़ी के कुछ लेखकों में से एक हैं, जो दोनों कविता और गद्य में निपुण है। उन्होंने सम्मानित अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस द्वारा भारत के 'दस बेहतरीन लेखकों में से एक नाम दिया गया है। गीत चतुर्वेदी पाब्लो नेरुदा और चार्ली चैपलिन के दो अनुवाद सहित पांच पुस्तकों मे किया है। उन्होंने कहा कि २०१० में तीन किताबें प्रकाशित, कविता आलाप "मेन गीरह" की एक किताब, और कहानियों सावंत आंटी की "लरकियन" और गुलाबी रंग के दो संग्रह पर्ची पिताजी कि है।

कहानी स्ंग्रह

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उनकी कहानियाँ काफी लंबे हुआ करते हैं और वह अपने उपन्यास समजिक विशय पर लिखते है,इसलिये गीत चतुर्वेदी जी लघु कथा लेखक के रूप में उन्होंने एक साक्षात्कार में कहते हैं, वहां हिन्दी में अब लघु कथा के लिए कोई पर्याय है और उपन्यास सबसे अच्छा शब्द लिखने के लिए इस प्रपत्र का नाम है। एक बार एक रॉकस्टार बनना चाहते थे, गीत चतुर्वेदी गहरा विश्व साहित्य, विश्व सिनेमा और पश्चिमी शास्त्रीय संगीत से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि एक के बाद आधुनिक लेखक है और उसके प्रमुख विषयों प्यार और कॉर्पोरेट जीवन में अलगाव की भावना, विश्वासघात कर रहे हैं, आर्थिक विकास की भावनाओं के तहत मुंबई के प्रांतीय परिदृश्य में और जीवन। उनके गद्य और कविता पूर्वी और पश्चिमी दुनिया के अलग संयोजन कर रहे हैं। यह सब् हिंदी के कुछ वास्तव में शहरी लेखकों में से एक के रूप में प्रसिद लेखक बनाता है। उनके प्रमुख प्रभावों वेद व्यास, शंकराचार्य, होमर, कालिदास, डांटे जॉर्ज लुइस बोर्जेस, गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ और ओरहान पामुक जैसे बीसवीं सदी के बाद आधुनिक दिग्गजों के साथ-साथ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी रचनात्मक चारा लाने के लिए उसकी कल्पना में बहुस्तरीय आख्यान को रोजगार और सिनेमा पर लग रहा है। उन्होंने अपने उपन्यास में मास्टर फिल्म निर्माताओं की सिनेमाई तकनीक का उपयोग करता है। उनके प्रमुख प्रभावों वेद व्यास, शंकराचार्य, होमर, कालिदास, डांटे जॉर्ज लुइस बोर्जेस, गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ और ओरहान पामुक जैसे बीसवीं सदी के बाद आधुनिक दिग्गजों के साथ-साथ कर रहे हैं। सिनेमा, संगीत और विश्व कविता में गहरी दिलचस्पी है। अनुवाद में मन रमता है। लोर्का, नेरूदा, यानिस रित्सोस, एडम ज़गायेव्स्की, अदूनिस, तुर्की युवा कवि आकग्यून आकोवा और इराक़ी कवयित्री दुन्या मिखाईल आदि की कविताओं के अनुवाद किए हैं। इनके अलावा मराठी से हिंदी में भी कई अनुवाद है।

कविताएं पहल, तद्भव, उद्भावना कवितांक, वागर्थ, साक्षात्कार, पल-प्रतिपल, वसुधा, समकालीन भारतीय साहित्य, कथादेश, अन्यथा आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित। पहला कविता संग्रह 'आलाप में गिरह' २०१० में राजकमल प्रकाशन, नई दिल्‍ली से प्रकाशित। पहल, नया ज्ञानोदय, तद्भव, प्रगतिशील वसुधा और अकार में लंबी कहानियां `सावंत आंटी की लड़कियां´, `सौ किलो का सांप´, `साहिब है रंगरेज़´, 'गोमूत्र', 'सिमसिम' और 'पिंक स्लिप डैडी' प्रकाशित। संवाद प्रकाशन, मेरठ से दो किताबें प्रकाशित- नेरूदा के संस्मरणों व लेखों का अनुवाद `चिली के जंगलों से´ और `चार्ली चैपलिन की जीवनी´।

पुरस्कार

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'मदर इंडिया' कविता के लिए वर्ष 2007 का भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार मिला। भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार हर वर्ष किसी युवा कवि की श्रेष्ठ कविता को दिया जाता है।

दैनिक भास्कर, भोपाल में बतौर संपादक (मैग्ज़ीन्स) कार्यरत। छह से ज़्यादा भाषाओं में कविताएं अनूदित.

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  1. http://www.poetryinternationalweb.net/pi/site/poet/item/27284/0/Geet-Chaturvedi
  2. https://www.poemhunter.com/geet-chaturvedi/
  3. https://www.poemhunter.com/geet-chaturvedi/biography/