KaranKalra12
मेरी तस्वीर
मेरी तस्वीर
नाम करन कालरा
जन्मनाम करन कालरा
लिंग पुरुष
जन्म तिथि १० मई, १९९७
जन्म स्थान लुधियाना, पंजाब
निवास स्थान बेंगलुरू
नागरिकता भारतीय
जातियता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्रः
शिक्षा बि.कोम्(होनोर्स्)
विश्वविद्यालय क्राइस्ट विश्वविद्यालय, बेंगलुरू
उच्च माध्यामिक विद्यालय बहादुर चंद मुंजाल विद्यालय, लुधियाना
शौक, पसंद, और आस्था
शौक खेल-कूद और पढने का शौक
धर्म हिन्दू
राजनीती स्वतंत्र
चलचित्र तथा प्रस्तुति मनोरंज के लिये (हिन्दि- ये जवानी है दीवानी)
रुचियाँ

क्रिकेट, बैडमिंटन, गाडियों का शौक

सम्पर्क विवरण
ईमेल karan.kalra@commerce.christuniversity.in
फेसबुक Karan Kalra

मेरा नाम करन कालरा है। मैं अठारह वर्ष का हूँ। मैँ अपने परिवार में सबसे छोटा हूँ और सबका लाडला हूँ।

जन्म संपादित करें

मेरा जन्म पंजाब के शहर लुधियाना में १९९७ में हुआ था। कहते हैं कि लुधियाना '3 W' के लिये प्रसिद्ध है- wheels, weddings and wool ।

शिक्षा संपादित करें

मैने अपनी पढाई बहादुर चंद मुंजाल विद्यालय से की है। अपनी दसवीं में मैने 93.1% अंक प्राप्त किया था। बारवीं में मुझे 92.8% अंक प्राप्त हुए।

परिवार संपादित करें

मेरे परिवार में कुल तेरह लोग है। मैं अपने बढे भाई संचय से सबसे करीब हूँ। वह मुझे हमेशा डाँट से बचाता है। उनके साथ मेरे बचपन के बहुत ही यादगार पल जुडे हुये है।

शौक संपादित करें

जब मैं छोटा था, तब मैं अलग-अलग खेल खेलता था जैसे क्रिकेट, बैडमिंटन आदि। मैने बैडमिन्टन के खेल में कई पुरस्कार प्राप्त किये हैं । मुझे तैरने का भी बहुत शौक था। बढे होने के बाद मुझे गाड़ियों से प्यार होने लगा। मुझे नृत्य करना भी बहुत अच्छा लगता है। अपने विद्यालय में मैने नृत्य के लिये कई पुरस्कार जीते हैं । मुझे 'बेस्ट डान्सर' का अवार्ड भी मिला हुआ है।

जीवन यात्रा संपादित करें

मेरे ज़िन्दगी में बदलाव का क्षण तब आया जब मुझे पता चला कि मैं क्राईस्ट विश्वविद्यालय में दाखिल हो गया हूँ। यह मेरे लिये एक बहुत बढी खुशी की बात थी। उस समय मेरे परिवार को मुझपर बहुत गर्व हुआ परन्तु उस समय मेरे दिल मे एक अनजाना सा डर था कि मैं वहाँ अकेले रह पाउँगा या नहीं।

बेंगलुरु आने के पश्चात पहले कुछ हफ्ते मुझे बहुत तकलीफ़ हुई। परन्तु धीरे-धीरे मैने अपने आप को सम्भाल लिया। यहाँ आकर मुझे दोस्तों के नाम पर एक पूरा परिवार मिल गया है। अब तो एसा लगता है जैसे उनके बिना सूरज ढलता हीं नहीं । उनके साथ वक्त कैसे निकलता है, यह पता ही नही चलता।

जीवन दर्शन संपादित करें

मैं अपने जीवन में कुछ बन्ना चाहता हूँ। अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊँचा करना चाहता हूँ। एक ज़िम्मेदार बेटा बनकर उन्हें सम्भालना चाहता हूँ। अपनी माता-पिता की खुशी मेरे लिये सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है। मेरी यह इच्छा है कि मैं अपनी पिता की तरह एक कामयाब तथा ज़िम्मेदार व्यक्ति बन सकूँ।