सदस्य:Sanketghatnatti1274/प्रयोगपृष्ठ

भोजन एक ऐसा वस्तु है जो एक जगह के बारे मै बतता है। मेरा लेख कुन्दा[1] के बारे मै है कुन्दा एक मिठाई है जो बहुत प्रसिध है और बेलगवी मै उत्पन्न हुआ ह। बेलगावी मै मिठाई कि दुकान २०० से अधिक है और प्रमुख स्तानिय डेलिकसी कुन्दा है। यह मिठाई मुख्य रूप मै राजस्थानी परिवारो के द्वरा बनाया जाता है जो ६० साल पेहले बेलगावी[2] मै बस गये और आम तौर पर उनको पुरोहित के नाम से जाना जाता है। कुन्दा मिठाई दूध और खोवा से बनाया जाता है, और पुरोहितो के अलावा कई स्तानीय व्यापारियो के द्वरा बनाया जाता है। कुन्दा का एक रोचक इतिहास भी है जो शहापुर के विट्टल देव गल्ली के गजानन मीठाई वाले के समय मै देखा जा सकता है, जो शहापुर मै ६ दशक पहले अपनी मिठाई की दुकान स्तापित कर छुके थे। जक्कु मार्वाडी मीठाई वाला के रूप मै सान्दर्भीत, वह रजस्थान से आया था।[3] कुन्दा बनाने के लिये सही मात्रा मै खोवा और शक्कर मिलाना चाहिए दूध मै उभाल्ने से पहले। इस मिठाई कि खोज भी बडे आकस्मिक रूप मै हुआ था, जब जक्कु मारवाड़ी दूध उभाल राहा था, वह स्टोव बन्ध करने के लिये भूल गया और दूध एक लम्बे समय तक उभलता रहा धीरे धीरे दूध ने एक ठोस रूप ले लिया और जब वह स्टोव वापस बन्ध करने के लिए आया तो उसने दूध के ठोस रूप चका तो उसे मिठा लगा फिर उसने दूध मे खोवा डाला और लम्बे समय तक उभालने लगे। इस बार स्वाद भी बेहतर था। एक खुश मर्वाडी ने इसका नाम कुन्दा रख दिया। शहर मे आने वाले सभी आगन्तुन्को उनके साथ इस मिठाई को वापिस ले जाना होता है क्योन्कि इस मिठाइ के बिना बेलगावी आना बेकार है।

इन्हें भी देखें

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  1. "बेलागवी की कुंदा मीठी सनसनी कथा".
  2. "बेलगाम की कुंदा की खोज".
  3. "कुंदा: कर्नाटक से एक मीठी कहानी".